सूख गए तालाब और कुएं, अब एक चापाकल ही सहारा
गर्मी आते ही गांवों में पीने के पानी की समस्या बढ़ गई है। पेयजल स्त्रोत जवाब देने लगे हैं। जलस्तर गिरने से अधिकतर चापाकल सूख गए हैं। एक- दो पानी दे भी रहे हैं तो वहां लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। लोगों का कहना है कि गर्मी की शुरुआत में जब यह स्थिति है तो आगे दिन क्या होगा? प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
गया । गर्मी आते ही गांवों में पीने के पानी की समस्या बढ़ गई है। पेयजल स्त्रोत जवाब देने लगे हैं। जलस्तर गिरने से अधिकतर चापाकल सूख गए हैं। एक- दो पानी दे भी रहे हैं तो वहां लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। लोगों का कहना है कि गर्मी की शुरुआत में जब यह स्थिति है तो आगे दिन क्या होगा? प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
प्रखंड मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर बसे पुराना डीह केसापी गाव की हालत भी अति गंभीर है। जब भी गांव के दौरे पर कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी आते हैं तो लोग सिर्फ पानी की मांग करते हैं। गाव में एक तालाब और एक कुंआ है, लेकिन दोनों सूख चुके हैं। इस गांव में 50 घर हैं, जिनमें करीब दो सौ लोग रहते हैं। इस गांव के लोगों का ज्यादा समय पानी के जुगाड़ करने में ही बीत जाता है। अधिकाश लोग गाव के बीचोबीच लगे एक चापाकल पर निर्भर हैं। इसी से खुद के साथ मवेशियों की भी प्यास बुझाते हैं।
ग्रामीण बीरबल यादव कहते हैं, गाव में पानी की गंभीर समस्या है। इस ओर किसी भी जनप्रतिनिधी का ध्यान नहीं है। पानी के लिए आपस में लोग लड़ते हैं। कई बार मामला थाने तक पहुंच जाता है।
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स्कूली बच्चों को भी
नहीं मिलता पानी
छात्रा रेशमा बताती हैं, पानी के लिए सुबह से चापाकल पर लाइन लगना पड़ता है। इसके कारण स्कूल समय पर नहीं जा पाते हैं। पढाई बाधित होता है। गाव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे मध्याहन भोजन के बाद पानी के लिए गाव में इधर-उधर भटकते दिखते हैं।
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इन गांवों में ज्यादा किल्लत
पाठकविगहा, हरदवन, घोडाघाट, पिण्डरा खुर्द, कोसमा, बजौरा, भलुआ, पडरी, नदरपूर, लालमाटी, खराटी, लेंबोंगडा, धरमपूर, डाक्टरविगहा, जोलहविगहा, मुर्गीयाझोर, बीजा,नावाडीह, मुंगेष्वरपूर, पिपरघट्टी, बंगवाडीह, ओरवा, कंजीआर, बरीया, पट्टी, बंगला, चंदा, कल्याणपूर, अमरूआ, अमारूत, गम्हरीया, निमियाटाड, अंगरा, सिंहपोखर, भदवर, जयप्रकाष नगर, बंगालीडीह, बाईपास, महकमपूर, बभनदेव, कुरमावा, मुसेहना, मुसेहनी।