दूरदर्शन पर कक्षा छह से बारहवी तक की पढ़ाई शुरू, वाट्सएप ग्रुप बनाकर दिए जाएंगे टिप्स
उनका पठन-पाठन घर पर ही सुचारू चलाने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा सेवक को दायित्व सौंपा है। ऐसे बच्चे गृह आधारित पढ़ाई करेंगे और विद्यालय के प्रधान इसके लिए शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करेंगे।
जागरण संवाददाता,गया । कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं विद्यालय बंद रहने के कारण बच्चों के पठन-पाठन की निरंतरता बनाये रखना आवश्यक है। ऐसी स्थिति में पठन-पाठन बाधित नहीं होने देने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को दूरदर्शन के जरिये पढ़ाई जारी रखने का फैसला लिया है। पहली से लेकर बारहवीं तक में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अलग-अलग माध्यमों से ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के आदेशानुसार,गया जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने जिले प्राथमिक मध्य,उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अनेक दिशा-निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन पर सुबह 9 बजे से छठी से लेकर 12वीं तक की कक्षा लगाई जा रही है। डिजिटल डिवाइस रखने वाले बच्चों को ई-लॉट्स पर अध्ययन सामग्री मिलेगी। प्राथमिक के बच्चों को घर पर ही शिक्षकों व शिक्षा सेवकों का पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने को लेकर मार्गदर्शन मिलेगा।
सुबह 9 से कक्षा 6 से आठवीं की संचालित हो रही है कक्षाएंडीडी बिहार पर तीन घंटे मध्य विद्यालय, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की कक्षाएं आयोजित की जा रही है। वीडियो-आडियो माध्यम से संचालित होने वाली पाठशाला संचालित किया जा रहा है। 17 जनवरी से सुबह 9 से 10 बजे तक कक्षा 6 से आठ, सुबह 10 से 11 तक वर्ग 9-10 जबकि 11 बजे से एक घंटा 11वीं व 12वीं के बच्चों के लिए समेकित पढ़ाई संचालित हो रही है। डीडी बिहार चैनल टाटा स्काई-1154,डिश टीवी-1565,डीडी फ्री डिश-70 एवं एयरटेल-669 पर उपलब्ध है। विद्यार्थी अपने सुविधा के अनुसार पढ़ाई शुरू कर दिए है।
शिक्षा सेवक पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को शिक्षा सेवक प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के टोलों में भ्रमण कर बच्चों को गृहवार आधारित शैक्षणिक समर्थन में सहयोग करेंगे। एपीओ शिव शंकर प्रसाद ने बताया कि वैसे बच्चे जिनके पास डिजिटल डिवाइस की कोई सुविधा नहीं हैं। उनका पठन-पाठन घर पर ही सुचारू चलाने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा सेवक को दायित्व सौंपा है। ऐसे बच्चे गृह आधारित पढ़ाई करेंगे और विद्यालय के प्रधान इसके लिए शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को प्रेरित करेंगे। जिले में कार्यरत केआरपी अपने पोषक क्षेत्र विद्यालयों के टोलों में भ्रमण कर बच्चों को गृह आधारित शैक्षणिक समर्थन में सहयोग कर रहे है।
बच्चों काे वाट्सएप ग्रुप बनाकर करेंगे मार्गदर्शन
शिक्षक सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी जिनके पास डिजिटल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध है। वैसे विद्यार्थी अपने घर पर रहकर ई-लॉट्स (ई लाइब्रेरी ऑफ टीचर्स एंड स्टूडेंट्स) पर उपलब्ध कक्षा एक से बारहवीं तक की पाठ्य पुस्तकें व ई-कंटेंट के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं, हेडमास्टर अपने विद्यालय के डिजिटल डिवाइस की उपलब्धता वाले विद्यार्थियों के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाकर और विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध डिजिटल शिक्षण सामग्री उन तक पहुंचाएंगे। शिक्षक अपने विद्यालय के विद्यार्थियों को इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पढ़ाई में मार्गदर्शन करेंगे।