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डोभी-गया-पटना फोरलेन सड़क पर संकट के बादल

[नीरज कुमार] गया। डोभी-गया-पटना फोरलेन प्रोजेक्ट पर संकट खड़ा हो गया है। समय पर भूमि अधि

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 04:56 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 04:56 PM (IST)
डोभी-गया-पटना फोरलेन सड़क पर संकट के बादल
डोभी-गया-पटना फोरलेन सड़क पर संकट के बादल

[नीरज कुमार] गया। डोभी-गया-पटना फोरलेन प्रोजेक्ट पर संकट खड़ा हो गया है। समय पर भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण निर्माण कंपनी ने काम से हाथ खींच लिया है। अब नए सिरे से निविदा निकाली जाएगी। उसके बाद निर्माण कार्य कब शुरू होगा, कहा नहीं जा सकता। इस साल अप्रैल में निर्माण पूरा होना था।

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डोभी से पटना तक इस सड़क की लंबाई 127 किलोमीटर होगी। वर्ष 2015 में आधारशिला रखी गई थी। तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी महज 30 किलोमीटर ही सड़क बन सकी। इसका भी फाइनल टच बाकी है। 1232 करोड़ रुपये की इस परियोजना का काम आइएल एंड इंजीनिय¨रग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड कर रही थी। कंपनी को 110 करोड़ का भुगतान भी हो गया है।

भूमि अधिग्रहण के लिए गया, जहानाबाद और पटना के जिलाधिकारी को करीब 2805 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए। उसमें से महज 1800 करोड़ रुपये ही खर्च हुए। जाहिर तौर पर अधिग्रहण कार्य पूरा नहीं हुआ।

कंपनी में कार्यरत कर्मियों को नहीं हुआ भुगतान : निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों को पिछले चार माह से मेहनताना नहीं मिला है। कर्मियों ने मंगलवार को बकाया भुगतान के लिए डीएम व एसएसपी से गुहार लगाई है। हैदराबाद से आए मजदूरों ने बताया कि उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब तो घर लौटने के लिए भी पैसे नहीं हैं। कंपनी के अधिकारी अपना काम बंद कर और सामग्री बेचकर फरार हो गए हैं। जो कुछ सामान बचा है, वह स्थानीय लोगों के कब्जे में जा रहा। स्थानीय लोगों का भी कंपनी पर बकाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के परियोजना निदेशक ने कहा कि कंपनी द्वारा आश्वस्त किया गया कि मजदूरों के बकाए वेतन का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही खाते में राशि दे दी जाएगी।

''समय पर काम पूरा नहीं करने के कारण कंपनी से अनुबंध रद कर दिया गया है। कंपनी को 2018 तक सड़क निर्माण को पूरा करना था। अब नए सिरे से निविदा निकाली जा रही है। भूमि अधिग्रहण की कोई समस्या नहीं है।''

- अभिषेक सिंह, डीएम, गया

''समय पर भूमि अधिग्रहण नहीं होने से सड़क निर्माण में बाधा आई है। कंपनी ने भी कार्य में शिथिलता बरती है। कंपनी ने कार्य को बंद कर दिया है। उच्चस्तरीय अधिकारी आकलन कर रहे। जरूरत पड़ी तो कंपनी ब्लैक लिस्टेड भी की जा सकती है। नई निविदा के कारण सड़क निर्माण शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा।''

- पीआर पांडे, परियोजना निदेशक, एनएचआइ, गया


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