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Gaya: कोरोना से बचाव के लिए अनुष्‍ठान तो ठीक है, लेकिन इस तरह की लापरवाही तो उचित नहीं

देवभूमि गया में कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए 18 दिनोंं का विशेष अनुष्‍ठान किया जा रहा है। आंध्रप्रदेश के राघवेंद्र स्‍वामी मठ के शंकराचार्य के संयाेेजकत्‍व में यह अनुष्‍ठान हो रहा है। हालांकि इसमें किसी के चेहरे पर मास्‍क नहीं दिख रहा।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 12:15 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 12:15 PM (IST)
Gaya: कोरोना से बचाव के लिए अनुष्‍ठान तो ठीक है, लेकिन इस तरह की लापरवाही तो उचित नहीं
अनुष्‍ठान के दौरान बिना मास्‍क के बैठे आचार्य व बटुक।जागरण

गया, जागरण संवाददाता। कोरोनावायरस (Coronavirus) से देश-दुनिया में त्राहिमाम मचा है। लोग भयभीत हैं। हर दिन अपनी और अन्‍य लोगों की सलामती की प्रार्थना में समय बीत रहा है। इन सबके बीच देश-दुनिया की रक्षा के लिए वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि से पुण्य क्षेत्र गया में श्री शालिग्राम जी का विधान से विशेष पूजा अर्चना शुरू की गई है। आंध्र प्रदेश स्थित मंत्रालय श्री राघवेंद्र स्वामी मठ के पीठाधिपति श्री सुबुधेंद्र तीर्थ स्वामी जी महाराज के संयोजन में वसुधैव कुटुंबकम की भावना से विष्णु सहस्त्रनाम,  पवनमान सुक्त, पुरुष सूक्त,  मन्युसूक्त नरसिंह स्तोत्र पाठ पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया रहा है। वैदिक पाठशाला के आचार्य एवं विद्यार्थी 18 दिनों तक यह अनुष्‍ठान करेंगे। 

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शालिग्राम भगवान की पूजा से मिटेगी महामारी 

पंडित राजा आचार्य ने बताया कि रामाचार्य वैदिक पाठशाला प्रांगण में वसुधैव कुटुंबकम की भावना से लगातार 18 दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनेकों शालिग्राम भगवान जी की पूजा अर्चना करने से दिव्य क्षेत्रों में पूर्ण फल प्राप्त होता है। आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। आमजन इससे भयभीत हैं। इस त्रासदी से निपटने के लिए धर्म का मार्ग ही एकमात्र उपाय है। इस संकट से निजात दिलाने, जनमानस के आयु, आरोग्य एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के साथ विश्व शांति एवं समस्त प्राणी मात्र के कल्याणार्थ धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस त्रासदी से आम जनमानस के मन में निराशा पूर्ण वातावरण और भय को मिटाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की जाएगी।

अनुष्‍ठान के दौरान एहतियातों का पालन करना भी जरूरी 

मालूम हो कि गया राज्‍य का दूसरा सबसे ज्‍यादा संक्रमितों वाला जिला है। वहां हर व्‍यक्ति के लिए एहतियातों का पालन करना जरूरी है। ऐसे में अनुष्‍ठान के दौरान किसी के चेहरे पर मास्‍क नहीं दिखना उचित नहीं है। यहां शारीरिक दूरी भी नहीं दिख रही। ऐसे में हम विश्‍व कल्‍याण की भावना का ही मजाक उड़ाएंगे।  


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