Move to Jagran APP

मत छीनिए अपने लाडले का बचपन, उनसे मजदूरी नहीं करवाइए, उन्‍हें पढ़ाइए क्‍योंकि ये हमारे देश के भविष्‍य

बालश्रम एवं मानव व्‍यापार के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्‍य से बोधगया में नुक्‍कड़ नाटक का आयोजन किया गया। कहा गया कि ये दोनों कुरीतियां हमारे समाज के लिए कलंक हैं। अपील की गई कि अपने बच्‍चे का बचपन नहीं छीने।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 03:38 PM (IST)
मत छीनिए अपने लाडले का बचपन, उनसे मजदूरी नहीं करवाइए, उन्‍हें पढ़ाइए क्‍योंकि ये हमारे देश के भविष्‍य
नुक्‍कड़ नाटक के एक दृश्‍य में बाल कलाकार। जागरण
जागरण संवाददाता, गया। एक किरण आरोह संस्था की ओर से बैजूबिगहा गांव के अनुसूचित जाति टोला दोमुहान बोधगया में मानव व्यापार एवं बालश्रम पर आधारित नुक्कड नाटक " माई गे माई, अब ना जाई परदेस " का आयोजन किया गया। इसमें लोगों को इन दोनों कुरीतियों के दुष्‍प्रभावों की जानकारी दी गई।
बच्‍चे को सुरक्षित और सुशिक्षित रखना हमारी जिम्‍मेदारी

नुक्‍कड़ नाटक के माध्‍यम से बताया गया कि बच्‍चों को शिक्षा का अधिकार है। इसलिए उन्हें जोख़िम भरे कायो॔ में न लगाकर उन्हें बचपन जीने दें। उन्‍हें शिक्षित होने दें। क्योंकि बच्चे ही हमारे देश के भविष्य हैं। इसलिए बच्चों को शिक्षित एवं सुरक्षित रखना हमारी एवं हमारे समाज की जिम्मेदारी है। नुक्‍कड़ नाटक में बोधगया से शाहिल गुप्ता, अराधना, प्रियांशु, रिषभ, विनय, , राखी, अर्चना, ज्योति, पंचम, सिमरन, आंचल, अनुराग आदि कलाकारों ने जीवंत प्रस्‍तुति कर लोगों की आंखें खोलने का प्रयास किया। उनकी प्रस्‍तुति पर दर्शक तालियां बजाते रहे।

loksabha election banner
गया से हर वर्ष बाल मजदूरी के लिए ले जाए जाते हैं बच्‍चे

बताया गया कि गया जिले से अक्‍सर मानव तस्‍करी होती रहती है। 6-14 वष॔ के बच्चों को बालश्रम के लिए हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, कुल्लू मनाली, भूटान एवं जयपुर के चूड़ी कारखाने में ले जाया जाता है। चंद पैसो के लालच में इन बच्चों का बचपन इनसे छीन लिया जाता है। वहां रहते हुए इन बच्चों को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है।  यह समाज के लिए कलंक के समान है। ऐसे में नाटक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को मानव व्यापार एवं बालश्रम के प्रति जागरूक करना था। संस्‍था के प्रतिनिधि ने बताया कि जीवकोपार्जन से जुड़ी जरूरतें पूरी न होने पर ज्यादातर गांवों से महादलित परिवारों के बच्चे बाल श्रम अथवा मानव व्यापार का शिकार हो जाते हैं। संस्था के प्रखंड समन्वयक मनोज कुमार ने कहा कि अपने बच्‍चों को सुरक्षित रखिए। उन्‍हें पढ़ाइए। बेहतर नागरिक बनाइए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.