रोहतास में डीएम ने पर्यवेक्षिकाओं से पोस्टिंग के लिए मांगा तीन विकल्प, लॉटरी प्रक्रिया में फेरबदल
लंबे समय से एक ही जगह जमी पर्यवेक्षिकाओं का अब तबादला किया जाएगा। इसको लेकर डीएम ने लॉटरी की प्रक्रिया में फेरबदल किया है। पर्यवेक्षिकाओं से तीन-तीन विकल्प की मांग की गई है।17 फरवरी को इनका स्थानांतरण किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। नौ वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थापित आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं के लाटरी प्रक्रिया से स्थानांतरण किए जाने के आदेश में एक बार फिर फेरबदल की गई है। डीएम धर्मेंद्र कुमार ने पहले 17 फरवरी को कलेक्ट्रेट में लॉटरी निकालने के संबंध में विभागीय पत्र भी जारी किया था। इस बीच पर्यवेक्षिका संघ ने तीन विकल्प के आधार पर स्थानांतरण करने की पिछले दिनों गुहार लगाई थी। उनकी मांग से सहमत डीएम ने अपने नए आदेश में सभी को तीन विकल्प का प्रस्ताव देने का आदेश जारी किया है।
स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने का प्रयास
जिला प्रशासन स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए जाने को ले यह प्रक्रिया अपना रहा है। पिछले कई दिनों से प्रक्रिया को लेकर कयासों का बाजार गर्म था। जानकारों की मानें तो कई जिलों में पदस्थापन काल से दो से तीन बार स्थानांतरण हो चुका है। लेकिन रोहतास जिले में वर्ष 2012 में नियुक्ति के बाद से पर्यवेक्षिकाएं एक ही स्थान पर पदस्थापित हैं। इनमें से कई महिला पर्यवेक्षिकाओं पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लग चुके हैं। आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका चयन में अनियमितता की बात जांच में सही पाए जाने पर दो पर्यवेक्षिकाओं को अनुबंध से चयन मुक्त भी किया जा चुका है। इसके अलावा कई के खिलाफ अभी जांच चल रही है। ऐसे में तबादले की प्रक्रिया जारी की गई है।
लॉटरी से पदस्थापन में भी कई पेच
इस बार लाॅटरी प्रकिया के माध्यम से स्थानांतरण किए जाने की जारी की गई नोटिस के बाद विभाग में सरगर्मी बढ़ गई है । पहले से ही फरवरी माह में पर्यवेक्षिकाओं के स्थांतरण किए जाने की संभावना जताई जा रही थी। लाॅटरी से होने वाली स्थानांतरण प्रक्रिया में कई प्रकार का पेच भी हो सकता है। नियुक्ति के समय आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिकाओं से पदस्थापन के लिए तीन पसंदीदा प्रखंड के संबंध में प्रस्ताव मांगा गया था। इसके अलावा पति भी सरकारी नौकरी में हो तो नियम के अनुसार तो दोनों का पदस्थापन आसपास ही करना होता है। लाॅटरी प्रक्रिया अपनाए जाने पर उपरोक्त सरकारी मापदंडों में रोडा अटक सकता है। वर्ष 2012 में संविदा आधारित आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षिकाएं एक ही परियोजना में पिछले 9 साल से पदस्थापित हैं, जबकि पटना प्रमंडल के ही कई जिलों में पदस्थापन काल से अबतक दो से तीन बार स्थानांतरण हो चुका है।