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बारिश में कुरमावा के लिए श्राप होती है धरधरी नदी

फोटो 32 33 बारिश में हर साल पानी के पानी से गिर जाते हैं कई घर नदी के किनारे गाइड वॉल नहीं होने से बढ़ता है खतरा उच शिक्षा के लिए छात्रों को जाना पड़ता है 40 किमी दूर संवाद सूत्र डोभी

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:47 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 01:47 AM (IST)
बारिश में कुरमावा के लिए श्राप होती है धरधरी नदी
बारिश में कुरमावा के लिए श्राप होती है धरधरी नदी

गया । डोभी प्रखंड कार्यालय से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुरमावा गाव मे लोग धरधरी नदी से कभी परेशानी झेलते हैं तो कभी इसे वरदान समझते हुए स्वीकार करते हैं। इस गाव की मुख्य समस्या घोडडुब्बा बाध नहीं बनना है। जिसे कई वर्षों से यहा के लोग लगातार अपनी माग को सरकार को पत्र के माध्यम से करते रहे हैं परन्तु अभी तक नहीं बन सका है। घोडडुब्बा बाध से कुरमावा गाव में धरधरी नदी का अचानक तेज रफ्तार को रोका जा सकेगा। वहीं कई एकड़ जमीन का पटवन हो सकेगा। कुरमावा गाव के नाम के विषय पर बताया गया कि इस गाव में वर्षों पहले जमींदारी थी। गांव के लोगों ने बताया कि जमींदार छोटी सी छोटी गलती होने पर ग्रामीणों को कड़ी सजा देता था। करीब साढ़े तीन सौ साल पहले के ग्रामीणों ने नारा दिया था की कुर्बान हो जायेंगे परन्तु गाव छोड़कर नहीं जायेंगे। इसी के कारण कुरमावा नाम दे दिया गया। गाव में जाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा भदेया बाजार से कुरमावा होते हुए बाराचट्टी प्रखण्ड को जोड़ने का कार्य किया गया है। जिससे लोग खुश भी हैं। परन्तु इसके तहत बनाया गया पुल की जीर्ण-शीर्ण स्थिति पर काफी दुख व्यक्त करते हैं। गाव में धरधरी नदी पर दो पुल की भी आवश्यकता है। जिसके अभाव में धरधरी नदी इस गाव को दो भाग में बाटती है। प्रत्येक साल इस नदी में आने वाले पानी के कारण कई मकान ध्वस्त होते हैं। नदी के किनारे-किनारे गाइड वॉल होना चाहिए। इस गाव की आर्थिक स्थिति मजदूरी और कृषि पर आधारित है। गाव के आबादी का पंद्रह प्रतिशत ही लोग सरकारी नौकरी में हैं। गाव के 90 प्रतिशत लोग बेराजगार हैं। शिक्षा का स्तर पचास प्रतिशत है। गाव में 30 वर्ष पूर्व ग्राम कमिटी का गठन किया गया है जिसके माध्यम से लड़ाई-झगड़े का समझौता के साथ-साथ सामाजिक कार्य का संपादन किया जाता है। इसमें 21 सदस्य की कमिटी है।

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प्रमोद यादव ने कहा कि गाव में कुटीर उद्योग लगाकर गाव की बेरोजगारी को दूर किया जा सकता है परन्तु सरकार के द्वारा इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके कारण बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। फोटो- 35

जितेन्द्र राम ने कहा कि गाव में दो विद्यालय की आवश्यकता है जिसके कारण गाव के बच्चों को मैट्रिक के बाद 40 किलोमीटर दूर गया शहर जाना पड़ता है। जिसके कारण गरीब छात्रों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। फोटो-36

सरपंच गिरजा पासवान ने बताया कि गाव के छोटे मामले को कचहरी में नहीं भेजकर खुद में शामिल करते हैं जिसके कारण गाव की समरसता गड़बड़ा रही है। पुलिस को चाहिए कि छोटे मुद्दे को कचहरी में छोड़ दें जिससे समाधान आसानी से हो सके।

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शाति देवी ने कहा कि गाव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र होना चाहिए। स्वास्थ्य उप केन्द्र होने के बावजूद महीने मे एक-दो दिन ही इसका ताला खोला जाता है। गाव की आबादी को देखते हुए यहा चिकित्सक और दवा की उपलब्धता करानी चाहिए।

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जगेश्वर महतो ने कहा कि सरकार के द्वारा चलाया गया नल-जल योजना को बंद कर दिया जाए इसके बदले में चापाकल लगाना चाहिए था। इस योजना के माध्यम से सरकार का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। फोटो- 39

मुखिया राजीव रंजन उर्फ राजू दास ने कहा कि बिहार सरकार के जमीन का अतिक्रमण रुकना चाहिए। गाव के विकास के लिए हर संभव और हर समय तत्पर रहता हूं। शौचालय का निर्माण प्राथमिकता से कराया गया है, गांव के लोग इसका उपयोग करें। आबादी: 2552

घर: 1200

जमीन: 503 एकड़

आगनबाड़ी केन्द्र: 03

विद्यालय: 01


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