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विभिन्न घटनाओं में मरने वाले 101 लोगों के आश्रितों को मिला मुआवजा, 28 मवेशी मालिक भी हुए लाभांवित

कैमूर जिले में वर्ष 2020 में विभिन्न तरह की हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान गई। कई लोग घायल हो गए। जिन्हें आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मुआवजा भी उपलब्ध कराया गया है। मुआवजा की मिली राशि से मृतकों के आश्रितों को काफी राहत भी मिली है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 01:46 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 01:46 PM (IST)
विभिन्न घटनाओं में मरने वाले 101 लोगों के आश्रितों को मिला मुआवजा, 28 मवेशी मालिक भी हुए लाभांवित
कैमूर जिले में दुर्घटनाओं में मरे लोगों के आश्रितों को दिया गया मुआवजा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले में वर्ष 2020 में विभिन्न तरह की हुई दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान गई। कई लोग घायल हो गए। जिन्हें आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मुआवजा भी उपलब्ध कराया गया है। मुआवजा की मिली राशि से मृतकों के आश्रितों को काफी राहत भी मिली है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष नदी, तालाब सहित अन्य जलस्त्रोतों में डूबने से मरे 28 लोगों को मुआवजा की राशि दी गई है।

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इसमें प्रत्येक आश्रित को चार लाख रुपये मुआवजा दिया गया है। यानी डूब कर मरने वालों के आश्रितों को कुल एक करोड़ 12 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है। जबकि अगलगी की घटनाओं में मरे तीन लोगों के आश्रितों को तो 15 मृत मवेशियों के मालिकों को भी मुआवजा दिया गया है। इसमें मृतक व्यक्तियों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये तो मवेशियों के मालिकों को 30-30 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। यानी अगलगी की घटना में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को कुल 1200000 रुपये तथा मवेशियों के मालिकों को कुल 420000 रुपये मुआवजा दिया गया है।

वहीं सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 54 लोगों के आश्रितों 21604300 रुपये का मुआवजा दिया गया है। बीते वर्ष हुए वज्रपात में असमय जान गंवाने वाले 16 लोगों के आश्रितों को 6400000 रुपये का मुआवजा दिया गया है। जबकि वज्रपात से ही 13 मृत मवेशियों के मालिकों को 366000 रुपये मुआवजा दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कुल 41190300 रुपये मुआवजा की राशि का वितरण किया गया है।

बता दें कि बीते वर्ष 2020 में सितंबर माह में ठनका गिरने से एक ही दिन जिले में पांच लोगों की मौत हुई थी। जिसमें 15 सितंबर को चैनपुर के लोहरा गांव में सोनू बिंद, चांद के लेदरी गांव में सिंहासन बिंद और सहबाजपुर निवासी दिलीप बिंद, दुर्गावती के नुआंव गांव निवासी मशहूर धोबी तथा नुआंव के परमालपुर गांव निवासी इंद्रदेव सिंह की मौत हुई थी। इसके अलावा 12 सितंबर को भगवानपुर के परमालपुर गांव निवासी प्रभु पाल की पत्नी कौशल्या देवी की मौत ठनका गिरने से हुई थी।


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