कैमूर में धान खरीदारी की सुगबुगाहट नहीं, बकाए भुगतान के बाद ही खरीदारी पर अड़े हैं पैक्स अध्यक्ष
सरकार के स्तर से किसानों से धान खरीदारी की तिथि 23 नवंबर घोषित की गई है। हालांकि कहीं भी खरीदारी शुरू नहीं हुई है। न ही इसकी कोई सुगबुगाहट दिख रही है। ऐसे में किसानो के सामने हताशा की स्थिति है।
जेएनएन भभुआ /गया। सरकार के स्तर से किसानों से धान खरीदारी की तिथि 23 नवंबर घोषित की गई। लेकिन कैमूर जिले में उक्त तिथि के एक दिन बाद यानी मंगलवार को भी धान खरीदारी को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। जिले में न कहीं क्रय केंद्र खुला और न ही कोई व्यवस्था हो सकी। इसके चलते जिले के किसान पूरी तरह हताश हैं।
किसानों का धान खलिहान में आने लगा है। कटनी भी तेजी से चल रही है। जिन किसानों का धान अभी नहीं कटा है उनका अगले सप्ताह तक खलिहान में आ जाने की उम्मीद है। लेकिन प्रशासन के स्तर से धान खरीदारी शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। ऐसे में किसान धान कहां बेचेंगे यह अहम सवाल है। क्योंकि जिले के बाजारों में धान का मूल्य उचित नहीं मिल रहा। सरकार ने साधारण धान के लिए 1868 व ग्रेड ए किस्म के धान का मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। लेकिन बाजार में किसानों के धान का मूल्य 11-12 सौ रुपये है। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल छह सौ रुपये के आसपास का नुकसान हो रहा है। जो काफी अधिक है। इसके चलते किसान बाजार में अपना धान नहीं बेचना चाह रहे हैं। हालांकि अब तक लगभग पांच हजार किसानों ने ही धान खरीदारी के लिए आॅनलाइन आवेदन किया है। लेकिन इस संख्या के बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
पैक्सों के द्वारा यह कहा जा रहा है कि पूर्व के बकाया का जब तक भुगतान नहीं होगा तब तक वे खरीदारी नहीं करेंगे। उनकी बकाया राशि भी काफी अधिक है। जिसका भुगतान शीघ्र होना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में किसानों से धान खरीदारी में पैक्स कितना रुचि लेंगे यह अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि इस बार भी पैक्सो व व्यापार मंडल के माध्यम से धान खरीदारी का लक्ष्य दो लाख 40 हजार एमटी रखा गया है और धान खरीदारी की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 रखा है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रभाष कुमार झा ने कहा कि बैठक में निर्णय लेकर पैक्सों व व्यापार मंडलों में किसानों के धान की खरीदारी को शीघ्र चालू कराया जाएगा। ताकि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य मिल सके।