सासाराम में सैन्य सम्मान के साथ सीआरपीएफ जवान धर्मेंद्र की अंतिम विदाई, पांच वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि, अपने ही साथी ने की थी गोलीबारी
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के मड़ईगुड़ा के लिंगनपल्ली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर में एक जवान ने अपने ही साथियों पर गोलियां चला दीं। जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी। जिनमें एक सासाराम के धर्मेंद्र भी थे। उनके शव को आज अंतिम सलामी दी गई।
संझौली : रोहतास। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के गरूडा गांव के सीआरपीएफ जवान धर्मेंद्र कुमार का बुधवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार की रस्मों से पूर्व जवान की शवयात्रा निकाली गई। शहीद धर्मेंद्र के पार्थिव शरीर को जब उनके पांच वर्षीय बेटे सीटू ने मुखाग्नि दी, तो सबकी आंखें भर आई। इसके पूर्व बड़ी बेटी आठ वर्षीय रूबी राज, छह वर्षीय बेटी प्रिया राज व बेटा सीटू, पिता रामवचन सिंह, बड़े भाई राजेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, मुन्ना सिंह व पत्नी सुनीता देवी ने नम आंखों से शहीद के सम्मान में उन्हें सेल्यूट किया। जवान के शव के साथ आए सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट विजेंद्र सिंह भाटी, इंस्पेक्टर जेडी वसरूदीन, बीडीओ सरफराजुद्दीन, थानाध्यक्ष शंभू कुमार द्वारा सैन्य सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। फिर साथी जवानों द्वारा फायर दागी गई और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पिता को तिरंगा सौंपते सहायक कमांडेंट विजेंद्र सिंह भाटी
इसके पूर्व रात्रि में आए विधायक अरुण कुमार, पूर्व उप प्रमुख डा. मधु उपाध्याय, जिला पार्षद वंदना राज के प्रतिनिधि प्रभात कुमार, बैंक शाखा प्रबंधक दीपक कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीभगवान सिंह, सरोज कुमार , जितेंद्र सिंह , रामअवधेश सिंह, संझौली पैक्स अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह, रामाशंकर शर्मा समेत काफी संख्या में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
गार्ड ऑफ ऑनर देते सीआरपीएफ के जवान
जब तक सूरज चांद रहेगा , धर्मेंद्र तेरा नाम रहेगा
जवान धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर मंगलवार को करीब ढाई बजे दिन में पटना एयरपोर्ट पहुंचा था और वहां से सीआरपीएफ के जवानों द्वारा विशेष वाहन से देर रात पैतृक गांव लाया गया। जवान के शव के इंतजार में हजारों लोग संझौली-बिक्रमगंज की सीमा सोनी ग्राम के पास एकत्रित थे, जहां से उनके शव के साथ धर्मेंद्र कुमार अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा , धर्मेंद्र तेरा नाम अमर रहेगा...जैसे नारों के साथ गांव पहुंचे। उनके अंतिम दर्शन को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शवयात्रा में पूरे रास्ते में ग्रामीणों ने फूलों की वर्षा कर लगाए नारे
अंतिम संस्कार की रस्मों से पूर्व जवान की शवयात्रा निकाली गई। शवयात्रा में भारत माता की जय के नारे गूंजे। पूरे रास्ते में ग्रामीणों ने फूलों की वर्षा कर और हाथों में तिरंगा लिए जवान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे। सेना के जवानों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ फायर दागकर साथी सैनिक को सलामी दे उन्हें अंतिम विदाई दी। जवान के गांव वालों को जवान धर्मेंद्र के चले जाने का गम है, लेकिन उन्हें इस बात पर भी गर्व है कि धर्मेंद्र ने देश की सेवा में कभी कोई चूक नहीं की थी।
एक जवान ने अपने ही साथियों पर कर दी थी गोलीबारी
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के मड़ईगुड़ा के लिंगनपल्ली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर में एक जवान ने अपने ही साथियों पर एके-47 से गोलियों की बौछार कर दी थी, जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी। मृतकों में एक धर्मेंद्र भी शामिल थे।