पंचायत चुनाव के नामांकन में नाच-गाना देखने उमड़ रही भीड़, पढि़ए नवादा पंचायत चुनाव की रोचक खबरें
नवादा के मेसकौर प्रखंड में छठे चरण में 3 नवंबर को मतदान होना है। इसके लिए नामांकन का दौर जारी है। आठ अक्टूबर को नवादा जिला के रजौली में पंचायत चुनाव संपन्न हुआ। इस दौरान कुछ खबरों ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
मेसकौर (नवादा), संवाद सूत्र। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन के चौथे दिन नवादा के मेसकौर में 210 प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों पर अपना नामांकन करवाया। मेसकौर प्रखंड में छठे चरण में 3 नवंबर को मतदान होना है। 11 अक्टूबर तक नामांकन की अंतिम तिथि निर्धारित है। दिन प्रतिदिन प्रत्याशियों को उमड़ती भीड़ को देखकर काउंटर की संख्या बढ़ा दी गई है। नामांकन को लेकर पूरे मेसकौर बाजार में चहल-पहल देखने को मिल रही है। उम्मीदवार के नामांकन जुलूस में घोड़े व गाजा-बाजा के साथ नाच-गान भी देखने को मिल रहा है। जिसे देखने के लिए लोगों को भी भीड़ काफी उमड़ पड़ती है। भीड़ को काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन भी को भी मशक्कत करना पड़ रहा है।
बटन दबाने पर नहीं निकली आवाज तो प्रत्याशी ने जताया विरोध
रजौली प्रखंड के जोगियामारन पंचायत की बूथ संख्या 103 पर अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। दरअसल मतदान के लिए बटन दबाने पर ईवीएम से बीप की आवाज नहीं निकल रही थी। यह जानकारी मिलने पर मुखिया प्रत्याशी सुप्रिया भारती वहां पहुंच गई और विरोध जताते हुए मतदान को रोक दिया। जिसके चलते काफी देर तक मतदान बाधित हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही सेक्टर पदाधिकारी अमरेश मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। तकनीकी टीम को जानकारी दी। उन्होंने मुखिया प्रत्याशी को काफी समझाया-बुझाया। जिसके बाद मतदान सुचारू रूप से हो सका।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं ने कर दिया कमाल
रजौली में लोकतंत्र के उत्सव में आधी आबादी ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया। अधिकांश बूथों पर महिलाओं की कतारें देखने को मिली। महिलाओं ने वोङ्क्षटग के मामले में पुरुषों को पछाड़ दिया। जिला नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार पुरुषों ने जहां 56.84 फीसद मतदान किया। वहीं महिलाओं ने इससे कहीं अधिक 62.94 फीसद वोङ्क्षटग की। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं के इस उत्साह की काफी तारीफ हो रही है। जंगली इलाकों से कई महिलाएं अपने नौनिहालों को गोद में लेकर वोट देने पैदल ही घर से निकल पड़ी। कई किलोमीटर पैदल चलकर महिलाएं बूथ पर पहुंची और वापस घर लौटीं। सुदूरवर्ती बूथों पर भी महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। धूप की कड़ी तपिश भी उन्हें डिगा नहीं पा रही थी। बता दें कि इसके पूर्व गोविंदपुर और कौआकोल प्रखंड क्षेत्र में भी महिलाओं ने पूरे उत्साह के साथ मतदान में हिस्सा लिया था। अब रजौली में भी उससे बढ़कर आंकड़ा सामने आया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आधी आबादी का यह उत्साह लोकतंत्र के लिए काफी उत्साहजनक है।