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Crime News: बड़े शातिर हैं कोढ़ा गिरोह के अपराधी, रेकी करने के बाद देते हैं घटना को अंजाम, जरा संभलकर रहिए

कोढ़ा गिरोह के अपराध का तरीका शातिराना होता है। अच्‍छी तरह से रेकी के बाद ये अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान घटना में चोरी या लूटी गई बाइक का करते हैं इस्तेमाल। पास में हथियार तक नहींत्र

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 07:00 AM (IST)
Crime News: बड़े शातिर हैं कोढ़ा गिरोह के अपराधी, रेकी करने के बाद देते हैं घटना को अंजाम, जरा संभलकर रहिए
शातिर अंदाज में घटनाओं को अंजाम देते हैं काेढ़ा गिरोह के सदस्‍य। प्रतीकात्‍मक फोटो

जासं, औरंगाबाद। कोढ़ा गिरोह के अपराधियों ने अौरंगाबाद समेत आसपास के‍ जिलों में वारदात को अंजाम देकर पुलिस की नाक में दम कर रखा है। सुनियोजित तरीके से अपराध को अंजाम देने वाले ये शातिर अपराधी जल्‍दी पुसि की पकड़ में भी नहीं आते। आते भी हैं तो कुछ महीने जेल में रहकर निकल जाते हैं। दरअसल लूट की घटना को अंजाम देने में माहिर कोढ़ा गिरोह के ये लुटेरे किसी भी घटना को अंजाम देने के पहले रेकी करते हैं। बैंक से लेकर बाहर तक ये सामान्‍य आदमी की तरह मौजूद रहकर देखते हैं कि कौन मोटी रकम लेकर निकल रहा  है। फिर जहां मौका मिलता है रुपये से भरा थैला झपटकर ले भागते हैं।

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हथियार का इस्‍तेमाल नहीं करते, चोरी की बाइक से देते हैं घटना को अंजाम

गिरोह के लुटेरे घटना को अंजाम देने में चोरी या लूट की बाइक का प्रयोग करते हैं। खास बात यह है कि ये घटना में किसी भी हथियार का प्रयोग नहीं करते हैं। 15 दिसंबर को शहर के महाराजगंज रोड स्थित पीएनबी से 5 लाख की निकासी कर बाहर निकले अलीनगर निवासी मो. मोइउद्दीन से लूटपाट के दौरान एक लुटेरा संजय यादव पकड़ा गया था। दूसरा भाग निकला। उसकी गिरफ्तारी के लिए बाराचट्टी से लेकर झारखंड के बरही तक छापेमारी की गई लेेकिन वह नहीं पकड़ा गया। गिरफ्तार संजय यादव की बाइक भी लूट या चोरी की है। उसकी जांच जांच जिला परिवहन कार्यालय औरंगाबाद एवं पटना से कराई जा रही है।

आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक फर्जी

कटिहार में एसपी रहे एक आइपीएस अधिकारी के अनुसार कोढ़ा थाना के गेराबारी गांव में इस गिरोह के लुटेरे रहते हैं। यहां के अलावा न्यू जलपाई गुड़ी में भी अपना मकान बनाकर रहते हैं। जब किसी घटना में किसी लुटेरे का नाम आता है और पुलिस उसके गांव पहुंचती है तो पता चलता है की कई दिनों व कई माह से घर नहीं आया है। कई बार लुटेरों के घर में छापामारी की गई है पर गिरफ्तार नहीं किया जा सका। घर से बरामद आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आइकार्ड तक फर्जी पाया गया है। लुटेरों के घर में कोई विशेष सामान नहीं रहता है।

गिरफ्तारी के बाद किसी को सजा भी नहीं हो पाती

कोढ़ा गिरोह के लुटेरों को साक्ष्य के बिना कोर्ट से सजा नहीं मिल पाती है। ऐसे तो अधिकांश मामलों में लुटेरे पकड़े नहीं जाते है। पर अगर कुछ घटनाओं में गिरफ्तार कर जेल भेजे जाते हैं तो कुछ माह या वर्ष के बाद जेल से जमानत पर बाहर आ जाते हैं। इनका जमानतदार भी कोई अपना आदमी या सहयोगी होता है। केस में गवाही नहीं होने और साक्ष्य नहीं मिलने के कारण सजा तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस जिले में पांच वर्षों का रिकार्ड पता किया गया तो एक भी कोढ़ा गिरोह के लुटेरों को सजा नहीं मिली है। जबकि तीन लुटेरे गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे।

जिले में कई घटनाओं को दिया है अंजाम

कोढ़ा गिरोह के लुटेरों के द्वारा इस जिले में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। 15 दिसंबर को महाराजगंज रोड स्थित पीएनबी के पास लूट से पहले पांच दिसंबर 2019 को बड़ी घटना को अंजाम दिया था। तब लुटेरों ने एक्सिस बैंक से रुपये निकालकर जमीन की रजिस्ट्री कराने जा रही महिला से करीब 17.50 लाख रुपये लूट लिए थे। इस घटना के पहले बाइक सवार लुटेरों ने एसबीआइ से रुपये निकालकर घर जा रहे एक सेवानिवृत्त दारोगा से करीब पांच लाख रुपये झपट्टा मार लिए थे। कोढ़ा गिरोह के लुटेरों ने शहर से लेकर प्रखंड मुख्यालयों में भी घटना को अंजाम दिया है। अधिकांश मामलों में लुटेरे पकड़े नहीं गए हैं।


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