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कोरोना संक्रमण बढ़ने से वर्चुअल मोड में चलेगा कोर्ट, याचिकाओं की होगी ई-फाइलिंग, सुनवाई ऑनलाइन

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीजे) शिवगोपाल मिश्र ने व्यवहार न्यायालय एवं दाउदनगर अनुमंडल कोर्ट में न्यायिक कार्य 9 अप्रैल से अगले आदेश तक कार्य वर्चुअल किया जाएगा।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 05:16 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 05:16 PM (IST)
कोरोना संक्रमण बढ़ने से वर्चुअल मोड में चलेगा कोर्ट, याचिकाओं की होगी ई-फाइलिंग, सुनवाई ऑनलाइन
अब वर्चुअल मोड में सासाराम में होगा कोर्ट का संचालन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीजे) शिवगोपाल मिश्र ने व्यवहार न्यायालय एवं दाउदनगर अनुमंडल कोर्ट में न्यायिक कार्य 9 अप्रैल से अगले आदेश तक कार्य वर्चुअल किया जाएगा। इस अवधि के दौरान नया वाद ई-फाइलिंग के जरिए दर्ज किए जाएंगे।

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न्यायालय परिसर में मोवक्किलों एवं बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है। व्यवहार न्यायालय एवं अनुमंडलीय न्यायालय में केवल न्यायिक पदाधिकारी, न्यायालय कर्मचारी, पीपी, जीपी, एपीपी, अधिवक्ता और अधिवक्ता लिपिक आएंगे। सभी लोग कोविड-19 के नियमों अनुपालन के साथ अदालत परिसर में प्रवेश करेंगे। बिना फेस मास्क पहले कोर्ट परिसर में किसी को भी प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निर्देश दिया है कि किसी भी वाद में अधिवक्ता या पक्षकार की अनुपस्थिति पर कोई दंडात्मक या खिलाफ आदेश की कार्रवाई नही होगी।

न्यायालय परिसर को साफ एवं सेनेटाइज करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने का निर्देश दिया है। उधर वर्चुअल कोर्ट को लेकर जिला विधि संघ के साथ अधिवक्ताओं की बैठक विधि संघ भवन में की गई। कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे। अधिवक्ताओं ने कोरोना के गाइड लाइन का पालन करते हुए फिजिकल कोर्ट की कार्यवाही जारी रखने की मांग जिला एवं सत्र न्यायाधीश से की है। कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय का जिन अधिवक्ताओं के द्वारा नहीं माना जाएगा कल्याण कोष की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी और सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव जिला विधि संघ के द्वारा बिहार राज्य बार काउंसिल पटना को भेज दिया जाएगा। कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि संघ एवं अधिवक्ताओं की सहमति लिए बिना कोर्ट को वर्चुअल मोड में चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। बताया कि बैठक में लिए गए प्रस्ताव की जानकारी डीजे, डीएम, अध्यक्ष बिहार राज्य बार काउंसिल पटना को भेजी गई है।


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