नशे की बीमारी पर भारी पड़ी कोरोना महामारी, आइसोलेशन सेंटर में बदल गया कैमूर का नशामुक्ति केंद्र
कैमूर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में 31 मार्च 2016 को 20 बेड का बनकर तैयार नशामुक्ति केंद्र कोरोना की महामारी के दौरान वर्ष 2020 व 2021 में ठप पड़ गया। कुल मिलाकर नशा की बीमारी पर कोरोना महामारी भारी पड़ी।
जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में 31 मार्च 2016 को 20 बेड का बनकर तैयार नशामुक्ति केंद्र कोरोना की महामारी के दौरान वर्ष 2020 व 2021 में ठप पड़ गया। कुल मिलाकर नशा की बीमारी पर कोरोना महामारी भारी पड़ी। केंद्र खुलने पर पांच अप्रैल 2016 से जिले में मद्य निषेध कानून लागू होने के बाद से अब तक कुल 181 लोगों की जहां काउंसिलिग कर उन्हें उचित दवा व सुझाव दिया गया है। वहीं चार गंभीर नशेडिय़ों को केंद्र में भर्ती कर उसका इलाज किया गया है। फिलवक्त, नशामुक्ति केंद्र राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य इकाई के बगल के कमरे मात्र दस बेड का बनकर रह गया है।
वर्तमान समय में एक से दो नशे के अभ्यस्त लोग की केंद्र पर काउंसिलिंग व इलाज के लिए आ रहे हैं। इसकी पुष्टि नशा मुक्ति केंद्र व मानसिक स्वास्थ्य इकाई के नोडल पदाधिकारी डा. चेतन कुमार ने की। उन्होंने बताया कि पूर्व में केंद्र संचालन के लिए विभिन्न विभागों से लिए गए कर्मचारियों के वापस लौटने के बाद एक माह पूर्व एक काउंसलर की नियुक्ति की गई है। उल्लेखनीय है कि मद्यनिषेध कानून के लागू होने के बाद तथा वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के आने से पूर्व जिले के 46 नशे के अभ्यस्त लोगों की काउंसिलिंग करके उन्हें दवा के साथ आवश्यक सुझाव दिया गया था। इस दौरान गंभीर रूप से नशे के अभ्यस्त एक लगभग 50 वर्षीय व्यक्ति की केंद्र में पहुंचने के बाद मौत भी हो गई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में नशामुक्ति व ओएसटी केंद्र तथा मानसिक स्वास्थ्य इकाई के नोडल पदाधिकारी डा. चेतन कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते केंद्र पर आने वालों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है। आने वालों को समुचित सुझाव व दवा दी जा रही है। गंभीर रूप से नशे के अभ्यस्त लोगों के आने पर दस बेड के बने वार्ड में उनको भर्ती कर उनका इलाज कराया जाएगा।