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भभुआ: लगातार बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, तेलहन व दलहन फसलों को हो सकता नुकसान

आसमान में काले बादलों की गरज से किसानों का दिल दहल रहा है। उन्हें भय है कि कहीं ओला वृष्टि हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोहरे से जनजीवन बेहाल है। बारिश ने कोढ़ में खाज का काम किया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 03:01 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:01 PM (IST)
भभुआ: लगातार बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, तेलहन व दलहन फसलों को हो सकता नुकसान
भभुआ के खेतों में लहलहाती सरसों की फसल

 संवाद सहयोगी मोहनिया: बीते शनिवार से रुक-रुककर हो रही बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गयी है। जनवरी माह में दूसरी बार बेमौसम की  बारिश शुरू हुई है। आसमान में काले बादलों की गरज से किसानों का दिल दहल रहा है। उन्हें इस बात का भय है कि कहीं ओला वृष्टि हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोहरे से जनजीवन बेहाल है। बारिश ने कोढ़ में खाज का काम किया है। लगातार खराब मौसम से फसलों को भी नुकसान होने लगा है।शनिवार को जिले में शुरू हुई बेमौसम की बारिश सोमवार को भी जारी रही। जिससे किसान परेशान हो गए है। 

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ठंड बढ़ने से जन जीवन अस्त-व्यस्त

ठंड बढ़ने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खराब मौसम से दलहन और तेलहन को नुकसान होना तय है। जिले में कई गांवों के बधार में लगी धान की फसल बाढ़ से बर्बाद हो गयी थी। वहां के किसान नवंबर माह के अंत में ही सरसों की बोआई कर दिए हैं। जिसमें फूल के साथ फल भी लग चुके हैं। अरहर की फसल भी फल चुकी है। ऐसे में बेमौसम की बारिश से तेलहन व दलहन फसलों के फूल झड़ रहे हैं। आलू की फसल पर झुलसा रोग का प्रकोप हो रहा है। इससे किसान हताश हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि मौसम का बिगड़ा मिजाज कब ठीक होगा। 

अब ओला वृष्टि हुई तो काफी बर्बादी होगी

जनवरी के पहले सप्ताह में हुई बारिश और कोहरा से पहले से ही फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश अधिक हुई या ओला वृष्टि हुई तो काफी बर्बादी होगी। धान की फसल नहीं होने से किसानों की कमर टूट गई है। अब रबी फसल की आस है। उसपर भी मौसम की तलवार लटक रही है।

मोहनिया में जलजमाव व बाढ़ से किसान हैं परेशान

बता दें कि बाढ़ और जलजमाव से जीटी रोड के उत्तर अकोढ़ी, कुर्रा, दुघरा, भरखर, कर्णपुरा इत्यादि गांव के बधार में लगी धान की फसल बर्बाद हो गयी थी। बरसात समाप्त होते ही यहां के किसान रबी फसल की बोआई कर दिए। सरसो तेल की मंहगाई से परेशान किसान इस वर्ष तेलहन की फसल पर अधिक ध्यान दिए हैं। बेर्रा गांव के किसान मुन्ना चौबे ने बताया कि बाढ़ और जलजमाव से धान की फसल बर्बाद हो गई थी। खेत खाली थे।

बेमौसम की बारिश व कोहरे के कारण फसल प्रभावित

नवंबर महीने में खेत तैयार होते ही रबी फसल की बोआई कर दी गई। इस साल अधिकतर किसान सरसों की खेती किए है। दलहन में अरहर और चना है। सरसों की फसल में फूल लग चुके हैं। अरहर में भी फूल और फल रहे हैं। आलू की फसल भी तैयार हो रही है। जिसे देखकर किसानों को खुशी हो रही है। इस साल रबी फसल की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। लेकिन जनवरी माह में मौसम काफी खराब रहा है। बेमौसम की बारिश व कोहरे के कारण फसल प्रभावित हो रही है। तीन दिन से आसमान में बादल हैं। तीनों दिन रुक-रुककर बारिश हुई है। जिसे देख किसानों का दिल दहल रहा है।


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