गया कॉलेज में छात्राओं के लिए एक महीने के अंदर कॉमनरूम
गया। गया कॉलेज में छात्राओं के लिए एक महीने के अंदर कॉमनरूम का निर्माण हो जाएगा। साफ-सफाई के विशेष प
गया। गया कॉलेज में छात्राओं के लिए एक महीने के अंदर कॉमनरूम का निर्माण हो जाएगा। साफ-सफाई के विशेष प्रबंध भी किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कैंपस में असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए ये बातें गया कॉलेज के प्राचार्य डॉ. निदेश प्रसाद सिन्हा ने कहीं।
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-असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने से विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
राजीव कुमार, शेरघाटी
आपकी बातों से सहमत हूं। इसमें कुछ कथित छात्र ही असामाजिक तत्वों के साथ हॉस्टल में जमावड़ा करते हैं और खुद को नेता कहते हैं। कॉलेज में ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्यो को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे तत्वों की खोज जारी है, जिन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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-कॉलेज में शौचालय की गंभीर समस्या से विद्यार्थियों को परेशानी होती है। कैंपस में ले आउट बोर्ड नहीं होने की वजह से भी परेशानी होती है।
यश वर्मा, कुजापी
छात्र-छात्राओं का भी दायित्व होना चाहिए कि कैंपस में साफ -सफाई का ख्याल रखें और स्वच्छता अभियान को सफल बनाएं। जल्द ही बेहतर शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। झरना के पास जल्द ही योजना के तहत कॉलेज के हर स्थान की जानकारी ले आउट बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी।
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कॉलेज में छात्राओं की समस्या सुनने के लिए मे आई हेल्प यू काउंटर होना चाहिए और पीने योग्य पानी की व्यवस्था हर विभाग में उपलब्ध हो। शिखा सिन्हा, चांदचौरा
अगर छात्राओं को कोई परेशानी है तो वे प्राचार्य से बता सकती हैं। समस्या का समाधान जरूर होगा। छात्राओं के लिए अगले एक महीना में नया कॉमनरूम बन जाएगा। हर विभाग में सुझाव पेटी में आई सभी समस्या का समाधान किया जाएगा।
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कॉलेज में विगत वर्षो में यूजीसी के तहत नेट करवाया जाता था। वर्तमान में किसी प्रकार की तैयारी क्यों नहीं कराई जाती है?
अमर कुमार, चांदचौरा
आपका सवाल बहुत ही अच्छा है, लेकिन इस बात से मैं अब तक अनजान हूं। इसलिए सारी जानकारी कॉलेज के वरीय प्राध्यापक से लेने के बाद नेट की तैयारी जल्द शुरू करने का विश्वास दिलाता हूं।
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आपके आने के बाद कॉलेज में सकारात्मक मौहाल दिखने को मिला है, पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं होना खटकता है।
सूरज राउत, दिग्घी तालाब
आपका सुझाव बढि़या है। कैंपस में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के लिए प्रयासरत हूं। कैंपस में किसी भी तरह की आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के लिए मैं खुद चिंतित हूं।
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-कॉलेज से निबंधन एवं परामर्श केंद्र हटने से परेशानी बढ़ गया हैं। इसे वापस लाने के लिए आप क्या कर रहे हैं।
राजीव रंजन कुमार, बंदेया गोह औरंगाबाद
निबंधन एवं परामर्श केंद्र के काउंटर को खुलवाने का प्रयास करूंगा। साथ ही आपकी समस्या का समाधान आपके विभाग में हो जाए, इस पर जल्द ही निष्कर्ष निकलेगा।
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-गया कॉलेज में प्लेसमेंट की व्यवस्था अब तक क्यों नहीं हैं। इस पर कॉलेज प्रशासन क्या कर रहा है?
नवलेश कुमार मिश्रा, डेल्हा, गया
कॉलेज में प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध है और अच्छी से अच्छी कंपनियों का लाने की हमारी कोशिश जारी है। हर वर्ष प्लेसमेंट कराया जाता है।
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-ब्वॉयज और गर्ल्स हॉस्टल में पानी और शौचालय की बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं होने की वजह परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंतोष कुमार, बाटा मोड़
बेहतर सुविधा देने का हरसंभव प्रयास जारी है। छात्र-छात्राओं को भी अपनी जवाबदेही समझनी होगी। विद्यार्थियों के सहयोग से ही समस्याओं का बेहतर समाधान होगा।
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वोकेशनल कोर्स में बढ़ी सीट
प्राचार्य ने बताया कि काफी आग्रह और प्रयास के बाद बीसीए में सीटों की संख्या 320 हो गई है। छात्र-छात्राओं को अब इसका लाभ मिलेगा। कॉलेज के 75वें साल पर सेठ जगन्नाथ गोवर्धन दास डालमिया की प्रतिमा स्थापित की गई। यह गर्व का विषय रहा। कॉलेज में सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है। विद्यार्थियों के सहयोग से ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कॉलेज का नाम राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने वालों को सम्मान दिया जा रहा है। कॉलेज में अतिथि भवन का भी निर्माण जारी है।