नवादा के प्राचीन छोटी तालाब की बदलेगी सूरत, डीडीसी की पहल पर शुरू हुआ जीर्णोद्धार का काम
नवादा के पकड़ीबरावां प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राचीन छोटी तालाब के जीर्णोद्वार का काम शुरू कर दिया गया है। डीडीसी की पहल पर तालाब के चारों ओर लाइट सिमेंटेड बेंच आदि की व्यवस्था की जाएगी। पौधारोपण भी कराया जाएगा।
पकरीबरावां (नवादा), संवाद सूत्र। पकरीबरावां प्रखंड मुख्यालय स्थित थाना के समीप प्राचीन छोटी तालाब की सूरत निखरने वाली है। स्थानीय लोगों की पहल पर डीडीसी वैभव चौधरी ने इस तालाब का जायजा लिया और इसके सौंदर्यीकरण का आदेश दिया। उस आलोक में यहां काम शुरू हो गया है। साफ-सफाई कराई जा रही है। इससे लोगों में खुशी है। हालांकि लोगों की शिकायत है कि स्थानीय अधिकारी ही इस कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं।
डीडीसी की घोषणा पर स्थानीय अधिकारी पड़ रहे भारी
मोहल्लेवासियों ने बताया कि सालों भर इस तालाब में पानी नहीं सूखता है। लेकिन नाले के पानी का बहाव होने के कारण इस प्राचीन तालाब के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा था। नाले का पानी रोक दिया जाए तो इससे दुर्गंध नहीं आएगा। वहीं जल संरक्षण के लिए प्राचीन जलस्रोतों का बचाना भी जरूरी है। लोगों का कहना है कि जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचय के लिए बड़ी संख्या में कुओं व तालाबों को जीवित करना होगा। प्राचीन काल में पेयजल सहित अन्य कार्यों हेतु जल के लिए कुआं ही मुख्य साधन माना जाता रहा है। वहीं तालाबों को प्रमुखता दी जाती थी। ग्रामीणों ने बताया कि उपविकास आयुक्त वैभव चौधरी ने तालाब निरीक्षण के दौरान संबंधित विभाग को तालाब के सौंदर्यीकरण करने का निर्देश दिया था। पकरीबरावां शहर वासियों को बैठने के लिए तालाब किनारे बेंच निर्माण के अलावा स्ट्रीट लाइट लगाने की बात भी कही थी। कहा था कि आकर्षक घाट का निर्माण कराया जाएगा। तालाब के चारों ओर पौधरोपण कराया जाएगा। हालांकि स्थानीय अधिकारी इस दिशा में बेपरवाह बने रहे। इधर पंचायत समिति सदस्य मनोवर आलम ने कहा कि जीर्णोद्धार तो ठीक है पर कार्य प्राकलन के अब तक बोर्ड नहीं लगाया गया।
जल संचय हो या धार्मिक अनुष्ठान कुएं का रहा है अपना महत्व
प्रखंड क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक सरकारी कुओं का पूरी तरह अतिक्रमण कर लिया गया। कई कुएं कचरे से भर गए। ऐसे कुएं को मुक्त कराने पर जल संचय हो सकेगा। इससे खासकर गर्मी के दिनो में लोगों को काफी राहत मिलेगी। पकरीबरावां प्रखंड मुख्यालय के पुरानी बस स्टैंड समीप प्राचीन कुआं की मोहल्ले के युवाओं ने साफसफाई की। ग्रामीण क्षेत्र के कुओं पर आज भी विवाह के दौरान धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। शहरों में कुओं के मिट जाने पर हैंडपंप का पूजन करके ही कुआं पूजन की रस्म अदायगी की जाती है। प्रखंड के देवी स्थान एवं बस स्टैंड आदि स्थानों पर आज भी कुएं मौजूद हैं। यहां धार्मिक अनुष्ठान के समय महिलाएं कुआं पूजन करती हैं।