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Chhath in Aurangabad: देव सूर्य मंदिर में प्रशासन ने जड़ दिया था ताला, छठ व्रतियों के दबाव पर खोलना पड़ा

औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर में इस वर्ष भी व्रतियों ने अर्घ्‍य अर्पित किया। जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की आशंका जता मंदिर में ताला जड़ दिया था लेकिन शुक्रवार की शाम व्रतियों और श्रद्धालुओं के हंगामे के बाद प्रशासन ने घुटने टेक लिए।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 09:59 AM (IST)
Chhath in Aurangabad: देव सूर्य मंदिर में प्रशासन ने जड़ दिया था ताला, छठ व्रतियों के दबाव पर खोलना पड़ा
उद्यमान सूर्य को अर्घ्‍य अर्पित करतीं व्रती। जागरण।

गया, जेएनएन। औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर में इस वर्ष भी व्रतियों ने अर्घ्‍य अर्पित किया। जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की आशंका जता मंदिर में ताला जड़ दिया था, लेकिन शुक्रवार की शाम व्रतियों और श्रद्धालुओं के हंगामे के बाद प्रशासन ने घुटने टेक लिए। सूर्य कुंड के तालाब में अस्ताचलगामी और उदयीमान सूरज को अर्घ्‍यदान किया गया। इन सबके बीच एक बात अच्छी यह थी कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी दो गज दूरी के नियम का पालन करवाते हुए अर्घ्‍य दिलवा रहे थे।

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सुनने के लिए तैयार नहीं थे श्रद्धालु

प्रशासन ने सूर्य मंदिर के कुंड परिसर में ताला लगाने के साथ महापर्व छठ को लेकर हर वर्ष आयोजित होने वाले मेले पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। मंदिर और तालाब दोनों भी बंद कर दिए गए थे। रोक के बावजूद सैकड़ों की संख्या में व्रती वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे। इनमें अधिकांश महिला व्रती थीं। उनका कहना था कि उन्होंने सूर्य मंदिर में अर्घ्‍य अर्पित करने की मन्नत मांगी थी। कोरोना काल से पहले उन्होंने मन्नत मांगी थी, जो अब पूरा हो गया है। इस लिए वे देव सूर्य मंदिर में ही अर्घ्‍य देंगी। ऐसा नहीं करने पर भगवान भास्कर उनसे नाराज हो जाएंगे और वे किसी कीमत पर ये होने नहीं देंगी। आस्था के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा। सशर्त सूर्य कुंड के दरवाजे खोले गए।

एसडीओ, एसडीपीओ खुद रहे तैनात

अर्घ्‍य के दौरान एसडीओ प्रदीप और सदर एसडीपीओ अनूप कुमार स्वयं दलबल के साथ मौजूद रहे। उनके अलावा जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा, बीडीओ अमरेश मिश्र, इंस्पेक्टर विजय कुमार, थानाध्यक्ष वेंकटेश्वर ओझा समेत अन्य पदाधिकारीग उपस्थित थे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की तकलीफ न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा था। ताला खोले जाने के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में लाइटिंग आदि की व्यवस्था की।

अर्घ्‍य देने पहुंचे 25 हजार श्रद्धालु

दबाव में आकर अधिकारियों ने सूर्य मंदिर का गेट तो खोल दिया, लेकिन कोई अधिकारिक बयान देने के लिए तैयार नहीं था। प्रशासन ने परिसर में केवल व्रती को जाने की इजाजत दी। उनके साथ आए श्रद्धालुओं के अंदर जाने पर रोक लगा दी गई थी। बताया जाता है कि अर्घ्‍य देने के लिए करीब 25 हजार श्रद्धालु पहुंचे थे।


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