भभुआ में नहीं मिला सस्ता न्याय, लोक शिकायत निवारण के आदेश पर भी भटपुरवां का आंगनबाड़ी केंद्र अधूरा
अब उसका निर्माण मनरेगा के तहत होगा। कब होगा इसका कोई अता पता नहीं है। वार्ड सदस्य ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र को बनाने का कार्य 2014-15 में प्रारंभ हुआ था। योजना की कुल प्राक्कलित राशि 6 लाख 10 हजार थी।
संवाद सूत्र, नुआंव (भभुआ)। नुआंव प्रखंड में सरकारी राशि निकालकर कार्य न कराने के या आधा अधूरा कार्य करा कर बीच में हीं छोड़ देने के कई मामले हैं। जैसे डुगुनपुरा में राशि निकल कर गली न बनाना, बढ़ा के आंगनबाड़ी केंद्र का राशि निकालकर अधूरा निर्माण करना, अकोल्ही के रामलीला चबूतरा का निर्माण, कारीराम के आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण आदि कई मामले बताए जाते हैं।
अभी हाल में ही भटपुरवां के आंगनबाड़ी केंद्र के आधे अधूरे निर्माण का मामला सामने आया है। इसका भी राशि निकल लिया गया है और निर्माण अभी भी अधूरा है। इस बात को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सह वार्ड सदस्य विष्णु शंकर राय ने लोक शिकायत निवारण फोरम में वाद भी दायर किया था। वहां से आदेश हुआ कि हर हाल में अधूरा निर्माण कार्य 26 मार्च तक प्रारंभ हो जाना चाहिए, लेकिन अभी भी उसकी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
बताया जाता है कि अब उसका निर्माण मनरेगा के तहत होगा। कब होगा इसका कोई अता पता नहीं है। वार्ड सदस्य ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र को बनाने का कार्य 2014-15 में प्रारंभ हुआ था। योजना की कुल प्राक्कलित राशि 6 लाख 10 हजार थी। अभिकर्ता सह पंचायत सेवक द्वारा राशि निकाल ली गई, लेकिन 2019 तक अनुमानतः एक लाख राशि खर्च कर कुर्सी तक निर्माण कराया गया था। इसके बाद कार्य बंद कर दिया गया। फिर मेरे द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण फोरम में वाद दायर किया गया। इसके बाद फोरम के आदेश से 2019 के अंत तक आधा निर्माण हुआ फिर कार्य बंद हो गया।
जिला लोक शिकायत फोरम में 2020 में वाद दायर किया गया। वहां से डांट पड़ने पर छत की ढलाई हुई। अभी भी फर्श नही बना है, दीवारों पर प्लास्टर नहीं हुआ है। बाहर के दरवाजे में किवाड़ लगा दिया गया है, जबकि अंदर के दरवाजे में किवाड़ अभी भी नहीं है। कुल पांच खिड़कियां हैं। उनमें भी किवाड़ नहीं है। इसके बाद फिर से अनुमंडलीय लोक शिकायत फोरम में वाद दायर किया गया, जहां से 26 मार्च तक हर हाल में कार्य प्रारंभ करने का आदेश हुआ । लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। निर्माण कार्य ज्यों का त्यों है। सुनने में आ रहा है कि अब इसका निर्माण मनरेगा से होगा।