चैत्र नवरात्र 2021: शोभायात्रा निकालकर की गई जलभरी, माता के शैलपुत्री स्वरूप की हुई आराधना
कोरोना की बंदिशों के बीच मंगलवार से चैत्र नवरात्रा की शुरुआत हो गई। भक्तिमय माहौल में लोगों ने देवी के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की। जगह-जगह जलभरी के लिए शोभायात्रा निकाली गई। वेद मंत्रों की गूंज होती रही।
डेहरी-आॅन-सोन ( रोहतास), संवाद सूत्र। चैत्र नवरात्र की शुरुआत मंगलवार को मंगलमय माहौल में हुई। मातृशक्ति के आराधना के इस पर्व पर शहर से लेकर गांव तक का माहौल भक्तिमय बन गया है। जगह-जगह देवी की पूजा की जा रही है। हालांकि इस बार कोरोना की वजह से आयोजन कई एहतियातों के बीच हो रहा है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना ने उत्साह पर पाबंदी सी लगा दी है। इस बीच ग्रामीण इलाको में सोन नदी से कलश में जलभरी को ले मंगलवार को कोरोना संक्रमण काल में भी लोगों की भीड़ उमड़ी। पहले दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की गई। कई जगह पर कलश स्थापन भी किया गया है।
जगह-जगह निकाली गई शोभायात्रा
पूजा समितियों की ओर से सादगीपूर्ण तरीके से कलश शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें कन्याएं और महिलाएं शामिल हुईं। शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते हुए शोभा यात्रा एनीकट हनुमान घाट पर सोन नद के तट पहुंची। वहां वेदमंत्रों के बीच कलश में जलभरी की गई। इसके बाद माता का जयकारा लगाते श्रद्धालु पूजा-पंडालों में पहुंचे। वेद मंत्रों के बीच कलश को पंडाल में स्थापित किया गया। कलश स्थापित करने के साथ ही मंत्र गूंजने लगे। घरो में भी श्रद्धालु कलश स्थापित करने को ले भी भारी संख्या में लोग जल के लिए एनीकट पहुंचते रहे। वहीं देवी व अन्य मंदिरों में श्रद्धालु पहुंचे। कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर के पट बंद होने पर मंदिर के दरवाजे पर ही पुष्प अर्पित किया।
कोरोना को लेकर लोग रख रहे एहतियात
हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण नवरात्र से पूर्व उत्साह कम दिख रहा है। कोरोना से बचने के लिए लोग सरकार के हर कदम व निर्णय को मानने के लिए तैयार हैं। हर कोई घर में ही रहना बेहतर समझ रहा है, ताकि पूरे परिवार स्वस्थ रह सके। देवी स्थलों व मंदिरों की बजाए घर पर कलश स्थापित कर लोग नवरात्र को मनाएंगे। क्योंकि पहले ही सुरक्षा व स्वास्थ्य के दृष्िटकोण से मंदिरों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है, जहां पर पूजा करने वालों की भीड़ लगी रहती है।