रोहतास में सीडीपीओ और आवास सहायक करते हैं वसूली, जिला परिषद की बैठक में सदस्यों ने लगाए आरोप
रोहतास में हुई जिला परिषद की सामान्य बैठक में विकास योजनाओं पर चर्चा की गई। बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत 20 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा अन्य विकास योजनाओं पर चर्चा हुई।
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। रोहतास जिला परिषद की अंतिम सामान्य बैठक शनिवार को डीआरडीए सभागार में अध्यक्ष नथुनी राम की अध्यक्षता में हुई। इसमें अगले वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया। बैठक में कुछ सदस्यों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, आइसीडीएस, आवास समेत अन्य योजनाओं में विभागीय स्तर पर अनियमितता बरतने का आरोप अधिकारियों पर लगाया गया।
आंगनबाड़ी केंद्रों से की जाती है अवैध वसूली
सदस्यों ने कहा कि जमीनी स्तर पर काम नहीं दिख रहा है। आइसीडीएस की सीडीपीओ व महिला पर्यवेक्षिका ऐसा कोई केंद्र नहीं जहां से अवैध रूप से राशि नहीं ले रही हों। यही हाल आवास सहायकों का है। वरीय अधिकारी इन योजनाओं में भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं। जिप अध्यक्ष ने बताया कि जिला परिषद की यह सामान्य अंतिम बैठक थी। इसमें कई महत्वपूर्ण कार्यों को निष्पादित करने का कार्य किया गया। बैठक में उपाध्यक्ष आशा देवी, विधायक विजय मंडल, डीडीसी सुरेंद्र प्रसाद, डीपीओ समग्र शिक्षा राघवेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य जिला पार्षद व अधिकारी शामिल थे।
नगर निगम के सिमांकन पर करें विचार
सासाराम के सदर प्रखंड प्रमुख राम कुमारी देवी ने शनिवार को डीएम धर्मेन्द्र कुमार से मिलकर उनका स्वागत किया और सासाराम नगर निगम के सीमांकन पर पुनर्विचार से संबंधित एक आवेदन भी सौंपा। अावेदन में उन्होंने प्रखंड क्षेत्र के करवंदिया अमरी ,धनकाढा पंचायत को नगर निगम क्षेत्र से बाहर रखने की मांग की। आवेदन में ताराचंडी से लेकर सासाराम टोल प्लाजा तक एनएच दो फोरलेन के दक्षिणी इलाके को नगर निगम से बाहर रखने की मांग की है। कहा है कि नगर निगम की दक्षिणी सीमा रेखा के तौर पर फोरलेन तक होनी चाहिए। इसके अलावा पूरब में मंडल कारा सासाराम के पश्चिमी सड़क तक नगर निगम की सीमा निर्धारित की जाए। मंडल कारा को नगर निगम में शामिल किए जाने को अनुचित बताया है। मंडल कारा के नगर निगम में शामिल होते ही भविष्य में प्रशासन के सामने मंडल कारा का अन्यत्र निर्माण सहित कई चुनौतियां उत्पन्न होने की संभावना जताई है। करवंदिया, अमरी, धनकाढ़ा और सिकरिया पंचायत को निगम क्षेत्र से अलग रखने से पत्थर उद्योग चालू करने के पश्चात सौ करोड़ से अधिक राजस्व की आमदनी होने की संभावना भी प्रमुख ने डीएम से जताई है।