45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना का टीका देने के लिए चली मुहिम, भभुआ प्रशासन ने भी कसी कमर
45 वर्ष और उससे ऊपर की आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण आशा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। इसे संज्ञान में लेते हुए कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन एवं जिला पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, भभुआ। पूरे राज्य सहित जिला में भी लोगों को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षा हेतु टीकाकरण जारी है। 45 वर्ष और उससे ऊपर की आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण आशा के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। इसे संज्ञान में लेते हुए कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन एवं जिला पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। जारी पत्र में बताया गया है की 45 वर्ष और उससे ऊपर के आयुवर्ग को ज्यादा से ज्यादा टीकाकृत करने के लिए दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतवार टीकाकरण सत्रों में वृद्धि की जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग टीका ले सकें।
बढ़ाई जायेगी टीकाकरण सत्रों की संख्या
जारी पत्र में बताया गया है की लाभार्थियों की सुगमता के लिए पंचायतवार टीकाकरण सत्रों में वृद्धि की जाए और घरों के नजदीक किसी सामुदायिक जगह, विद्यालय, पंचायत भवन पर टीकाकरण सत्र का संचालन किया जाए। आशय यह है की लाभार्थियों को सुगमता के साथ टीकाकरण का लाभ मिल सके जिससे उनकी रूचि टीकाकरण की ओर बढ़े और ज्यादा से यदा लोग टीकाकृत होकर अपने साथ अपने परिवार को भी संक्रमण से सुरक्षित रख सकें।
पंचायतवार चार से पांच सत्र किये जाएंगे संचालित
जारी पत्र में निर्देशित है की ज्यादा से ज्यादा आबादी को टीकाकृत करने लिए प्रत्येक पंचायत में कम से कम चार से पांच टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाए। 45 वर्ष और उसके ऊपर के आयुवर्ग के लोगों को ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है, ताकि अधिक से अधिक इस आयुवर्ग के लोग टीका लेकर संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रहें।
चलंत टीकाकरण टीम पंचायतों में दे रही सेवा
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. आर.के.चौधरी ने बताया कि विभाग ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन के सुरक्षाचक्र के अंदर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जिला के सभी पंचायतों में चलंत टीकाकरण टीम द्वारा लोगों को टीका लगाया जा रहा है। हर पंचायत के सामुदायिक स्थल पर टीकाकरण सत्र आयोजित किये जा रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ाने हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।
जागरूकता की कमी ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए बाधक
डॉ. चौधरी ने बताया कि चलंत टीकाकरण टीम को ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कोविड टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां और भय व्याप्त है। विभाग द्वारा समेकित बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं और आशा और एएनएम के सहयोग से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है और लोगों को टीकाकरण के लाभ के बारे में बताया जा रहा है।