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सिंदूरदान के लिए मंडप पर दुल्हन करती रही इंतजार, दूल्हा दोस्तों संग हुआ फरार, फिर...

जयमाल की रस्म हो जाने के बाद सिंदूरदान के लिए दुल्हन मंडप में इंतजार करती रही और दूल्हा चुपके से दोस्तों संग फरार हो गया। उसके बाद वधू पक्ष के लोगों ने पूरी बारात को बंधक बना लिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 10:58 PM (IST)
सिंदूरदान के लिए मंडप पर दुल्हन करती रही इंतजार, दूल्हा दोस्तों संग हुआ फरार, फिर...
सिंदूरदान के लिए मंडप पर दुल्हन करती रही इंतजार, दूल्हा दोस्तों संग हुआ फरार, फिर...

गया, जेएनएन। फेरों से पहले ही दूल्हा साथियों के साथ फरार हो गया और दुल्हन मंडप में इंतजार करती रह गई। इससे गुस्साए वधूपक्ष के लोगों ने तीस से अधिक बरातियों को बंधक बना लिया। शुक्रवार की रात जहां हंसी-खुशी का माहौल था वहीं दूल्हे की कारस्तानी की सजा बारातियों को भुगतनी पड़ी और दुल्हन रोती रह गई। बाद में पुलिस और पंच-सरपंच के प्रयास से मामले को सुलझाया गया। 
गया जिले के थाना क्षेत्र के एक गांव में शादी थी। गुरुवार को धनगांई थाना क्षेत्र के बेला गांव से बारात पहुंची थी। बारात के दरवाजा लगने के बाद जयमाला की रस्म हुई। हंसी-मजाक, खाने-पीने का दौर चलता रहा। जयमाला के बाद  दूल्हा मुकेश कुमार साथियों के साथ चुपके से फरार हो गया।
जब दूल्हे की तलाश की गई तो वह कहीं नहीं मिला। कोई इसकी जानकारी भी नहीं दे रहा था कि आखिर दूल्हा गया कहां है? इस बात से वधूपक्ष के लोग आक्रोशित हो उठे। पहले तो उन्होंने बारातियों को खाना खिलाया पर कहा कि आप अब कहीं नहीं जा सकते। तीस से अधिकर बाराती चुपचाप बैठे रहे। शुक्रवार की दोपहर होते-होते दूल्हे के फरार होने और बारातियों के बंधक बनाए जाने की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई।
लड़के की हरकत से नाराज लड़की पक्ष के लोगों ने कहा कि इस मामले पर जबतक ठोस निर्णय नहीं होता बाराती को नहीं छोडेंगे। इसके साथ ही वधू पक्ष के लोग लड़के के पिता से दहेज लौटाने की मांग भी करने लगे। लड़की के पिता ने बरातियों को कहा कि जब तक दहेज के पैसे वापस नहीं होते आप लोग कहीं नहीं जा सकते।
बारातियों को लेकर पहुंचे वाहन चालकों ने बाराचट्टी थाने को इसकी सूचना दे दी। दोपहर बाद पुलिस के पहुंचने पर बारातियों को वहां से मुक्त कराने का प्रयास किया गया लेकिन, लड़की पक्ष की तरफ से महिलाएं ईंट पत्थर लेकर सड़क पर खड़ी हो गईं, जिससे बारातियों को छुड़ाने का प्रयास विफल रहा।
वाहन चालकों के अनुसार दस वाहनों सहित तीस बरातियों को बंधक बनाकर रखा गया था।  इस बीच राजद के प्रखंड अध्यक्ष और धनगांई गांव निवासी कृष्णदेव प्रसाद उर्फ केडी यादव भी पहुंचे। आसपास के गांवों के कई पंच-सरपंच भी मामले को सुलझाने पहुंचे।
दोनों पक्षों के बीच लंबी मंत्रणा चली और आखिरकार लड़के वाले दहेज की रकम लौटाने को राजी हुए। ऐन वक्त पर डेढ़ लाख रुपये लौटाए भी गए और बाकी रकम लौटाने तक लड़के वाले की गाड़ी वधूपक्ष ने रख ली। कहा गया कि अब पूरी रकम देने के बाद ही ये गाड़ी लौटाई जाएगी।  

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