ढुंगेश्वरी की तलहटी में आज गूंजेगा बुद्धं शरणं गच्छामि
बोधगया। बौद्ध महोत्सव को लेकर मंगलवार की सुबह ढुंगेश्वरी पहाड़ी की तलहटी से छठी ज्ञान
बोधगया। बौद्ध महोत्सव को लेकर मंगलवार की सुबह ढुंगेश्वरी पहाड़ी की तलहटी से छठी ज्ञान यात्रा निकाली जाएगी। ज्ञान यात्रा शुरू करने से पहले तलहटी में बनाए गए मंच से बौद्ध भिक्षुओं की ओर से 'बुद्ध शरणं गच्छामि' का जयघोष किया जाएगा। उसके बाद ज्ञान यात्रा में शामिल होने वाले पद यात्रियों को शांति व श्रद्धा का प्रतीक वस्त्र खादा दिया जाएगा।
ज्ञान यात्रा को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह पंचशील ध्वज दिखाकर रवाना करेंगे। इस यात्रा में शामिल बौद्ध भिक्षु, विदेशी बौद्ध श्रद्धालु, अधिकारी व अन्य गणमान्य बुद्ध पथ का अनुसरण करते हुए विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर पहुंचेंगे। मान्यता है कि इसी पथ से राजकुमार सिद्धार्थ ढुंगेश्वरी पर्वत श्रृखंला की प्रागबोधि गुफा में बैठकर चावल के छह दाने को खाकर छह वर्षो तक तप किया था। यहीं उनका कंकाल रूप हुआ था। राजकुमार सिद्धार्थ इसी मार्ग से होकर तत्कालीन सेनानीग्राम (वर्तमान बकरौर) पहुंचे थे। जहां सुजाता द्वारा दी गई खीर को ग्रहण कर निरंजना नदी को पार कर तत्कालीन उरूवेल वन पहुंचे थे। जहां उन्हें अश्वथ (पीपल) वृक्ष के नीचे दिव्य संबोधि लाभ की प्राप्ति हुई थी। इस दौरान रास्ते में मुहाने नदी के तट पर प्रशासन की ओर से पदयात्रियों के लिए सरस्वती मंदिर के पास बिस्कुट, चाय व पेयजल तथा सुजाता स्तूप के पास पायस (खीर) व अन्य अल्पाहार की व्यवस्था की गई है। बौद्ध महोत्सव के अवसर पर वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी संजय अग्रवाल की पहल पर ज्ञान यात्रा का शुभारंभ किया गया था। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह व एसएसपी राजीव मिश्रा ने सोमवार की शाम कालचक्र मैदान का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने ज्ञान यात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की।