Rohtas: ब्लैक फंगस नहीं फैलता एक से दूसरे में, अफवाहों से रहिए सावधान, जानिए इसके लक्षण
रोहतास के एसीएमओ ने कहा है कि महामारी घोषित होने के बाद ब्लैक फंगस पर स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है। कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स ने इस बाबत एडवाइजरी जारी की है म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस से मधुमेह के रोगियों को सावधान रहने को कहा गया है।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कोविड- 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप ने दिशा निर्देश जारी किया है।इसमें गंभीर रोग से प्रभावित लोगों को इस बीमारी से बचने की विशेष सलाह दी गई है। म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है जिसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है। इस लिए अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। वहीं राज्य सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है इस कारण स्वास्थ्य विभाग भी अब पैनी नजर रख रहा है।
ब्लैक फंंगस है महामारी घोषित
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. केएन तिवारी की माने तो कहा कि ब्लैक फंगस को राज्य सरकार ने महामारी घोषित कर दिया है। इसलिए सावधानी व सतर्कता बहुत ही जरूरी है। बुखार व ठंड सहित कोविड 19 के अन्य लक्षण दिखने पर लोग आपदा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14410 या कोविड हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन कर आवयश्क जानकारी ले जा सकते हैं। साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा 104 से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
स्टेरायड सेवन करने वालों को करता है प्रभावित
डॉ. तिवारी कहते हैं कि म्यूकरमाइकोसिस मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की दवाएं ले रहे हैं। विशेष रूप से स्टेरायड दवा लेने वालों को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है। ऐसे व्यक्तियों के साइनस या फेफड़े, हवा से फंगस वायरस के अंदर जाने के बाद प्रभावित होते है। म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है, जो अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित है इसके अलावा लंबे समय तक आइसीयू में भर्ती रहे मरीज, अंग प्रत्यारोपण आदि रोगियों को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है।
आंख व नाक में दर्द व लाली हो तो रहें सावधान
म्यूकोरमाइकोसिस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। इसकी चेतावनी के संकेत ओर लक्षणों में आंख और नाक के आसपास दर्द और लाली रहना, बुखार, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, खूनी उल्टी व मानसिक स्थिति में बदलाव आना शामिल है। बचाव के लिए मास्क का उपयोग अवश्य करें। विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपना कर म्यूकोरमाइकोसिस की रोकथाम की जा सकती है।. यदि धूल भरे निर्माण स्थल पर जा रहें हैं, तो मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। मिट्टी, बागबानी, काई या खाद आदि से जुड़े काम करते समय जूते, लंबी पैंट, पूरी बाजू वाली कमीज और दस्ताने अवश्य पहनें।
मधुमेह पीड़ित लोगों को रखना है अधिक ध्यान
कोविड 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप ने एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 रोगियों सहित मधुमेह रोगियों एवं कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे लोगों को यदि नाक में रूकावट या जमाव, नाक से काला और खूनी स्राव, गाल की हड्डी पर दर्द, चेहरे के एक तरफ दर्द, सुन्न ओर सूजन होना, नाक व तालू के उपर कालापन आना, दांत में दर्द, दांतों का ढ़ीला होना, जबड़े में दिक्कत आदि हो तो म्यूकोरमाइकोसिस होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसके अलावा छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी भी म्यूकोरमाइकोसिस होने के लक्षण होते हैं।