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बीजेपी नेता व विधायक प्रेम कुमार ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र, पितृपक्ष मेला व विष्णुपद मंदिर खोलने की मांग

विधायक ने विष्णुपद मंदिर खोलने एवं पितृपक्ष मेला 2021 के आयोजन की हेतु अनुमति के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा। कहा है कि इस मेला से लाखों लाेगों की आस्‍था व हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 07:43 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 08:06 AM (IST)
बीजेपी नेता व विधायक प्रेम कुमार ने  सीएम नीतीश को लिखा पत्र, पितृपक्ष मेला व विष्णुपद मंदिर खोलने की मांग
बीजेपी के दिग्‍गज नेता प्रेम कुमार व सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

गया, जागरण संवाददाता। बीजेपी याचिका समिति के सभापति सह विधायक डॉ प्रेम कुमार (MLA Dr. Prem Kumar) से मिलने के लिए गया पाल तीर्थवृति सुधारणी सभा के सदस्य पहुंचे। सदस्यों ने विधायक को पितृपक्ष मेला 2021 (PitruPaksha Mela 2021) के आयोजन एवं विष्णुपद मंदिर खोलने को लेकर आवेदन दिया। विधायक ने विष्णुपद मंदिर (VishnuPad Temple) खोलने एवं पितृपक्ष मेला 2021 के आयोजन की हेतु अनुमति के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CN Nitish Kumar) को पत्र  लिखा। उन्‍होंने कोरोना गाइडलाइन (Covid-19 Guidelines) का पालन करते हुए पितृपक्ष मेला संचालित करने की स्वीकृति प्रदान हेतु लिखा है।

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बता दें कि इस बार विश्‍व प्रसिद्ध पितृ पक्ष की शुरुआत 19 सितंबर से हो रही है। यह मेला एक पखवाड़े 6 अक्‍टूबर तक चलेगा। मगर बिहार में हर साल आयोजित होनेवाले इस मेला के इस बार भी आयोजन पर संशय बरकरार है। पिछले साल 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण मेला का आयोजन नहीं हुआ था।

गयापाल पंडा के रोजी-रोटी का एकमात्र साधन

डॉ प्रेम कुमार ने बताया कि पितृपक्ष मेला आश्विन मास के प्रथम पक्ष में 17 दिनों का हिन्दू धर्मालंबी के लोग पितरों का पिंडदान कर तर्पण करते है। यह पिंडदान एवं तर्पण प्राचीन युग से चला आ रहा है। इसकी महत्ता को देखते हुए हम सनातन धर्म की आस्था के साथ हैं। इस कोरोना काल 2020 से पिंड एवं तर्पण पर रोक लगाने से हजारों लोगों का जीवन यापन इसी मेला से चलता है, तथा गयापाल पंडा का एक मात्र पिंडदान एवं तर्पण ही रोजी रोटी का साधन (means of livelihood) है।

हजारों लोगों के रोजगार से भी जुड़ा है पितृपक्ष मेला

विधायक ने कहा है कि गया शहर में पर्यटक के रूप में जो तीर्थ यात्री आते है, उन्‍हीं तीर्थयात्रियों से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर खड़े हैं। इनके दर्द और पीड़ा को देखते हुए कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराते हुए मंदिर एवं मेला का आयोजन सहानुभूति पूर्वक करने पर विचार करे। प्रतिनिधि मंडल में मणि लाल बारीक, नारायण लाल गुर्दा,अनिल लाल भइया, बबन बारीक,कमल लाल बारीक ,मुन्ना लाल पाठक आदि शामिल थे।


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