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कैमूर में ट्रैक्टर की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत, पिता के लिए दवाई लेकर यूपी से आ रहा था युवक

Road Accident बेलांव थाना क्षेत्र अंतर्गत मइडाड़ गांव निवासी टेंगर राम के 35 वर्षीय पुत्र रवींद्र कुमार राम की शनिवार की देर शाम दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत भेरिया मोड़ के पास ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत हो गई।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 04:28 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 04:28 PM (IST)
कैमूर में ट्रैक्टर की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत, पिता के लिए दवाई लेकर यूपी से आ रहा था युवक
रवींद्र की मौत के बाद घर के बाहर जुटी लोगों की भीड़। जागरण।

संवाद सूत्र, रामपुर (भभुआ)। स्थानीय प्रखंड के बेलांव थाना क्षेत्र अंतर्गत मइडाड़ गांव निवासी टेंगर राम के 35 वर्षीय पुत्र रवींद्र कुमार राम की शनिवार की देर शाम दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत भेरिया मोड़ के पास ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि इस घटना में बाइक सवार उक्त गांव के ही स्व. नथुनी राम का 26 वर्षीय पुत्र परमेश्वर कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक के परिजनों ने बताया कि शनिवार की सुबह खाना पीना खाकर गांव से रवींद्र अपने लकवा ग्रसित 90 वर्षीय पिता के लिए दवा लेने के लिए नई बाजार जमनिया उत्तरप्रदेश के लिए निकला था। साथ में बगल के ही परमेश्वर को भी ले गया था।

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बाइक के पीछे बैठा युवक जख्‍मी

दवा खरीदकर शाम करीब साढ़े 6 बजे दुर्गवाती थाना क्षेत्र के भेरिया मोड़ के पास पहुंचे ही थे कि ट्रैक्टर की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। बाइक रवींद्र चला रहा था, जबकि बाइक पर सवार परमेश्वर गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना की जानकारी किसी के द्वारा फोन के माध्यम से गांव पर दी गई तो हमलोग निजी साधन से घटना स्थल पर पहुंचे। जहां पुलिस शव को अपने कब्जे में ले ली थी। वहीं घायल की गंभीर स्थिति देखते हुए वाराणसी के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया। इधर पुलिस शव को लेकर सदर अस्पताल भभुआ पहुंची। जहां पोस्टमार्टम करा कर रविवार की सुबह दाह संस्कार करने के लिए शव परिजनों को सौंप दिया गया। बता दें कि मृतक इकलौता पुत्र था। जिसकी शादी लगभग 12 वर्ष पूर्व हुई थी। पत्नी रंजन देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक की एक बेटी व दो जोड़वा बेटा है। जिसमें शिवानी कुमारी उम्र 9 वर्ष, बिक्की कुमार व विनय कुमार उम्र पांच वर्ष हैं।

मां के ऊपर तीन छोटे बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी

घर के इकलौता पुत्र रवींद्र की मौत से अब परिजनों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मृतक खेती करने के साथ साथ मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। पिता के दवा व सेवा की भी जिम्मेदारी उस पर थी। उसकी मौत के बाद जहां बूढ़े बाप के बुढ़ापे की लाठी टूट गई वहीं तीन छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। पत्नी रंजन का सुहाग छिन गया। 90 वर्षीय पिता लकवा रोग से ग्रसित हैं, जो बेड पर पड़े है। इस घटना से मइडाड़ गांव में रविवार को सन्नाटा छाया रहा।


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