Gaya/Nawada Weather Forecast: पटना में हो रही झमाझम बारिश, गया और नवादा में बारिश का इंतजार
Gaya/Nawada Weather Forecast बिहार की राजधानी पटना में आज अलसुबह से ही झमाझम बारिश हो रही है। जबकि दक्षिण के जिलों गया और नवादा में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। गया में सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। नवादा में बादल घिरने से बारिश की उम्मीद है।
गया/नवादा, जागरण टीम। Gaya/Nawada Weather Forecast: बिहार में हर साल की तरह इस साल भी असामान्य बारिश हो रही है। उत्तर बिहार में जमकर बारिश हुई। इस साल उत्तर के कई जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। वर्तमान में उत्तर बिहार के 16 जिलों में बाढ़ की स्थिति है। वहीं गया, नवादा सहित दक्षिण बिहार क जिले बारिश के लिए तरस रहे हैं। नवादा में खेतों में नमी की कमी के कारण जमीन दरकने लगी है, जिससे धान की फसल प्रभावित हो रही है।
पटना में आज अलसुबह से ही झमाझम बारिश हो रही है। जबकि दक्षिण के जिलों गया और नवादा में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। गया में सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। नवादा में बादल घिरने से बारिश की उम्मीद है।
गया में आज मिल सकती राहत, अगले 72 घंटे में बारिश के आसार
गया शहर में आज सुबह से बूंदाबांदी हो रही है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। सुबह का तापमान 26 डिग्री के आसपास है। मौसम के पूर्वानुमान में आज भी गर्मी रहेगी। हल्की से मध्यम बारिश लोगों को थोड़ी सकून जरूर देगी। जिले का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम की बात करें तो बीते कई दिनों से गया के लोग प्रचंड गर्मी झेलने को मजबूर हैं। वातावरण में लगातार उमस रहने से परेशानी है। अपेक्षा के अनुरूप बारिश नहीं हुई है। इस वजह से भी तापमान में तेजी देखी गई है। इस बीच अगले 72 घंटों में गया और इसके आसपास के इलाकों में बारिश का अनुमान जताया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डॉ. जाकिर हुसैन ने कहा कि आज बुधवार को हल्की बारिश हो सकती है। 18 मिलीमीटर तक बारिश का अनुमान लगाया गया है। वहीं गुरुवार को थोड़ी और राहत मिल सकती है। कल बारिश 37 एमएम तक होने का अनुमान है।
नवादा में किसानों को है मघा के घघा का इंतजार
सावन के साथ भादो का महीना दो दिन समाप्त होने को है। फिलहाल कृषि के लिये मघा नक्षत्र चल रहा है। मघा का नक्षत्र भारी बारिश के लिये जाना जाता है। लेकिन आधा मघा समाप्त हो गया और अबतक किसानों को घघा चलने यानी भारी बारिश का इंतजार है ।
खेतों में धान की रोपनी के बाद किसानों ने खाद डालने का काम किया है। पिछले करीब 20 दिनों से कड़ाके की धूप होने व बारिश नहीं होने से खेतों में लगी धान फसल को क्षति हो रही है। खेतों में पानी के अभाव में धान फसल मुरझाने लगा है। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं लेकिन बारिश है कि धरती पर उतरने का नाम ही नहीं ले रही है। ऐसे में किसान परेशान हैं।
समय पूर्व बारिश से हो चुका है नुकसान
इस वर्ष समय पूर्व रोहिणी नक्षत्र से लेकर लगातार ढाई माह यानी पुष्य नक्षत्र तक बारिश होने के कारण समय पर धान के बिचड़े नहीं डाले जा सके। ऐसे में धान की रोपनी में विलंब हुआ। ऐसे में आच्छादन व उत्पादन में कमी होना तय माना जा रहा है। अब जबकि धान के खेतों में पानी की आवश्यकता है तो बारिश गायब है।
बादल है लेकिन बारिश नहीं
भादो महीने के प्रवेश के साथ मौसम में परिवर्तन के संकेत से किसानों के बीच आशा का संचार हुआ था। बारिश की संभावना बनने लगी थी। कुछ हिस्से में बूंदा-बांदी हुई हैं, लेकिन यह अबतक उंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है। ऐसे में किसानों को अब बिजली व डीजल पंप का सहारा रह गया है । लेकिन जहां के खेतों तक डीजल या बिजली मोटर पंप का पानी नहीं पहुंच सकता वहां धान का मरना लगभग तय माना जा रहा है ।