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Bihar Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव जीतने के प्रत्याशी करने लगे बड़े दरबार की परिक्रमा,आशीर्वाद लेने की मची होड़

पंचायत चुनाव में दोबारा या तिबारा ताज पहनने के लिए प्रत्‍याशी बड़े दरबारों में आशीर्वाद लेने को पहुंच रहे हैं। लोगों में विश्वास है कि जब तक दरबार का आशीर्वाद नही है तब तक रणभूमि में कोई भी मोहरा काम नही आयेगा।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 09:08 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 09:08 AM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव जीतने के प्रत्याशी करने लगे बड़े दरबार की परिक्रमा,आशीर्वाद लेने की मची होड़
पंचायत चुनाव के प्रत्‍याशी दरबार के आशीर्वाद लेने में जुटे, सांकेतिक तस्‍वीर।

बेलागंज (गया), संवाद सूत्र। प्रखंड क्षेत्र में होने वाले पंचायत चुनाव में अपने चहेतों के दरबार से आशीर्वाद लेने की होड़ मची है। दरबार भी पसोपेश में है। किसको आशीर्वाद दें और किसको नहीं। आखिर सब तो अपने हैं। सब में एक ललक है कि पंचायत का ताज मेरे माथे पर हो, जिसके लिए रणभूमि में तरह-तरह के मोहरे भी बिछा रहे हैं। फिर भी लोगों में विश्वास है कि जब तक दरबार का आशीर्वाद नही है, तब तक रणभूमि में कोई भी मोहरा काम नही आयेगा। इसके लिए लोग गणेश परिक्रमा करने में जुटे हैं।

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दीगर है कि एक ही रणभूमि में बड़े दरबार वालों के कई योद्धा ताल ठोक रहे हैं, जिसके कारण आशीर्वाद देने में असमंजस की स्थिति है। जबकि कुछ दरबार से खुलकर आवाज आ रही है कि इस चुनाव से हमें कोई लेना देना नही है। फिर भी लोगो को विश्वास नहीं है। हो भी कैसे, भले वे बोले कि हमें कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उनके द्वारा दिये हुए आशीर्वाद से उनके योद्धा के रणभूमि में युद्ध आसान हो जाता है।

बेलागंज में पंचायत चुनाव के लिए अब चुनाव चिह्न भी बंट गए हैं। प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी क्षेत्र के पंचायत से मुखिया पद हेतु उक्त दरबार के दो योद्धा ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे। जबकि एक योद्धा निवर्तमान प्रतिनिधि थे, जो लगातार दो बार से मुखिया से छोटा पद पर निर्वाचित हो रहे थे। इस बार उन्हें मुखिया बनने की हनक सवार थी, जबकि दूसरे योद्धा पिछले चुनाव में भी अपना भाग्य आजमा चुके थे लेकिन उन्हें सफलता नही मिली थी।  पांच वर्षों तक मेवा की आस में सेवा करने वाले योद्धा अपने दरबार में गये। उन्हें आशीर्वाद मिला या नही, यह बताना मुश्किल है। ऐसे में कई मुखिया बनने की हनक सवार योद्धा को मन मसोसकर रह जाना पड़ा। अब देखना है कि दरबार के पिछले दरवाजे से किन-किन योद्धाओं को आशीर्वाद मिलता है।


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