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Bihar Panchayat Chunav 2021:ट्रैक्‍टर रैली के साथ प्रत्‍याशी पहुंचे नामांकन को, सासाराम पंचायत चुनाव में प्रत्‍याशी ऐसे कर रहे शक्ति प्रदर्शन

पंचायत चुनाव में भी नामांकन करने वाले प्रत्याशी लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं। जबकि चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों के जुलूस और रैली निकलने पर पूर्णत प्रतिबंध रहेगा।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 11:24 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 01:30 PM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021:ट्रैक्‍टर रैली के साथ प्रत्‍याशी पहुंचे नामांकन को, सासाराम पंचायत चुनाव में प्रत्‍याशी ऐसे कर रहे शक्ति प्रदर्शन
मनाही के बावजूद ट्रैक्टरों के काफिले के साथ नामांकन को पहुंचे प्रत्‍याशी। जागरण फोटो।

सासाराम :रोहतास, जागरण संवाददाता। पंचायत चुनाव में भी नामांकन करने वाले प्रत्याशी लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं। जबकि चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों के जुलूस और रैली निकलने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। किसी भी प्रकार की रैली या सभा करने के लिए प्रशासनिक अनुमति जरूरी होगी। चुनाव आयोग ने पद के अनुरूप प्रत्याशियों को वाहन के प्रयोग के लिए  प्रकार और संख्या भी निर्धारित की है। बावजूद इसके कुछ छुटभैये नेता सात से 13 सितंबर तक चले नामांकन के दौरान कोई सौ मोटरसाइकल तो कोई 50 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ नामांकन के लिए पहुंचा। अचार संहिता उलंघन को सीधे- सीधे चुनौती दे रहे ये नेता आयोग से भी दो कदम आगे की सोच रखते हैं। जुलूस तो निकला लेकिन किसी भी वाहन पर बैनर पोस्टर नहीं दिखा। इस वजह से अधिकारी भी इनपर करवाई की बात से परहेज कर रहे हैं। वोटरों में चर्चा है की पंचायत के विकास कार्य से कोई सरोकार ना रखने वाले नेता जी पर इन दिनों लक्ष्मी जी काफी मेहरबान हैं। इसी उत्साह में चुनाव में प्रचार - प्रसार और वोटरों पर अपना प्रभाव जमाने को ले  अब दोनों हाथ से दिल खोलकरखर्च कर रहे हैं। 

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पीले सोना से कमाए माल को चुनाव में जमकर कर रहे खर्च

प्रखंड क्षेत्र में ये हाल सिर्फ एक नेता की नहीं है। बल्कि इलाके में कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो प्रकृति द्वारा विरासत में मिले पीले सोने (बालू ) की तस्करी कर मालामाल हुए हैं। वही पैसा अब पंचायत प्रतिनिधि बनने के उन्माद में दिल खोल कर खर्च किया जा रहा है। प्रत्याशियों द्वारा रैली निकाले जाने के प्रश्न पर प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार किसी भी ट्रैक्टर या बाइक पर प्रत्याशी का बैनर पोस्टर नहीं लगा हुआ था। इस वजह से उक्त प्रत्याशी को चिन्हित नहीं किया गया। इस वजह से ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। लेकिन सवाल यह की बैनर पोस्टर नहीं होने से कार्रवाई नहीं हो पा रही तो प्रचार के समय भी प्रत्याशी बेखौफ हो इसी हथकंडे का इस्तेमाल करेंगे। फिर पूरे चुनाव तक जमकर अचार संहिता की धज्जियां उड़े तो कोई अतिशयोक्ति नहीं।

आयोग के हैं ये निर्देश

बता दें कि आयोग के निर्देश के मुताबिक जिला परिषद सदस्य प्रत्याशी को दो हल्के मोटर या दो दोपहिया वाहन से प्रचार प्रसार करने की अनुमति दी जाएगी। मुखिया, पंचायत समिति सदस्य व सरपंच प्रत्याशी को चालक सहित एक यांत्रिक दोपहिया वाहन की अनुमति दी गयी है। ग्राम पंचायत सदस्य व ग्राम कचहरी पंच प्रत्याशी या उनके चुनाव अभिकर्ता चुनाव प्रचार में किसी भी प्रकार के वाहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। बिना परमिट के वाहन का परिचालन करते हुए पकड़े जाने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा। पंचायत चुनाव में किसी भी पद के लिए नामांकन करने के दिन निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय से सौ मीटर के दूरी में वाहन प्रवेश पर रोक रहेगी।


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