बिहार के बोधगया में तिब्बत की निर्वासित सरकार के लिए पड़े वोट, राष्ट्रपति पद दी दौड़ में दो प्रत्याशी
तिब्बत की निर्वासित सरकार के लिए चुनाव हो रहा है। इसके लिए बिहार के बोधगया में भी तिब्बतियों ने मतदान किया। निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पद दी दौड़ में दो प्रत्याशी हैं। अब चुनाव परिणाम 14 अप्रैल को आएगा।
गया, जागरण संवाददातता। बोधगया में रह रहे तिब्बती समुदाय ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पद के लिए मतदान किया। रविवार देर शाम तक तिब्बती बौद्ध मठ में बनाये गए मतदान केंद्र में निर्वासित तिब्बती संसद के 45 सदस्यों के लिए भी वोटिंग हुई। दुनियाभर में हुई वोटिंग का आंकड़ा आने के बाद 14 अप्रैल को परिणाम घोषित किया जाएगा। राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला में पेन्पा त्सेरिंग और औकात्संग केलसांग दोर्जी
दो उम्मीदवार हैं। 45 संसदीय सांसद सीटों के लिए 95 उम्मीदवार हैं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत की निर्वासित संसद का मुख्यालय है।
तिब्बत की संसद में हैं 45 सीटें
बोधगया स्थित तिब्बत बौद्ध मठ के प्रभारी लामा आमजे ने बताया कि तिब्बत संसद में 45 सीटें हैं। इनमें तिब्बत के तीन पारंपरिक प्रांतों-यू-त्सांग, धोते और धोमी में से 10-10 प्रतिनिधि हैं। तिब्बती बौद्ध धर्म और प्री-बौद्ध बॉन धर्म के चार स्कूलों में से दो-दो प्रतिनिधि हैं। तिब्बत की निर्वासित संसद में दो सीट महिलाओं के लिए रिजर्व है। तिब्बत की निर्वासित संसद का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित है।
भारत में रहते हैं एक लाख तिब्बती
बोधगया स्थित तिब्बत बौद्ध मठ के प्रभारी लामा आमजे के अनुसार तिब्बत की निर्वासित सरकार की ग्रीन बुक के मुताबिक भारत में करीब एक लाख तिब्बती रहते हैं। जबकि, बाकी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील जैसे देशों में रहते हैं। किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव को वहां के नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों में से एक माना जाता है। तिब्बतियों के लिए भी चुनाव अहम है।
दो दिन में आएगा चुनाव परिणाम
लामा आमजे ने बताया कि 17वीं निर्वासित संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए अंतिम चरण का चुनाव रविवार को हुआ। धर्मशाला में सीटीए के चुनाव आयोग दो दिन में परिणाम की घोषणा करेगी।