Bihar Historic Place: कोरोना की नई गाइडलाइन के बाद महाबोधि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी रोक
कोविड-19 को लेकर राज्य सरकार के आदेश के आलोक में बोधगया में महाबोधि मंदिर सहित अन्य विदेशी मंदिरो का पट शनिवार से बंद कर दिया गया। महाबोधि मंदिर में आम दिनों की भांति सुबह में पूजा अर्चना की गई।
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया)। कोविड-19 को लेकर राज्य सरकार के आदेश के आलोक में बोधगया में महाबोधि मंदिर सहित अन्य विदेशी मंदिरो का पट शनिवार से बंद कर दिया गया। महाबोधि मंदिर में आम दिनों की भांति सुबह में पूजा अर्चना की गई। उसके बाद आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया।
बीटीएमसी सचिव एन दोरजे ने कहा कि यह व्यवस्था आगामी 30 अप्रैल तक लागू रहेगा।मंदिर के गर्भगृह में सुबह और शाम को बौद्ध भिक्षु शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए पूजा करेंगे। प्रतिदिन 10 बजे दिन में भगवान बुद्ध को खीर का भोग लगेगा। वही, बोधगया स्थित श्रीलंका के जय श्री महाबोधि महाविहार, थाईलैंड मंदिर व 80 फीट बुद्ध प्रतिमा का भी प्रवेश द्वार आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। एकाएक महाबोधि मंदिर सहित अन्य मंदिरों का प्रवेश द्वार के बंद होने से यहां आ रहे देशी पर्यटक मायूस हो गए।
बता दें कि पिछले वर्ष भी करोना संक्रमण के दौरान विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर सहित बोधगया के विभिन्न बौद्ध मंदिरों का पट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। बाद में सरकार की गाइडलाइन के अनुसार महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना होती रही और लंबे अंतराल के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए महाबोधि मंदिर को खोला गया था। हालांकि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में मंदिर को बंद करने का आदेश 30 अप्रैल तक के लिए ही जारी किया गया है।
गौरतलब है कि सरकार के अगले आदेश तक राज्य के सभी छोटे से बड़े मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। यह आदेश मठों समेत अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी लागू है। इससे संबंधित पत्र मस्जिदों के मौलवी और गुरुद्वारा कमिटी को भेजी जा रही है। धार्मिक स्थलों पर वहां रहने वाले पूजा-पाठ कर सकते हैं। उनके लिए कोई पाबंदी नहीं है। बिहार में रोज कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी आने पर सरकार ने इस तरह का सख्त कदम उठाया।