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बिहार सरकार ने मेले पर लगाई रोक मगर श्रद्धा और समर्पण के साथ मोक्षभूमि गया पर पितरों का होगा तर्पण

कोरोना संकट के समय पितृपक्ष का मेला नहीं लग रहा है। राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए मेले पर प्रतिबंध लगा रखा है। पिछले साल भी मेला नहीं लगा था। इस कारण लोग यह मानते हैं कि पुत्रजन अपने पितरों के लिए इस बार गयाजी अवश्य आएंगे।

By Prashant KumarEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 01:06 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 01:06 PM (IST)
बिहार सरकार ने मेले पर लगाई रोक मगर श्रद्धा और समर्पण के साथ मोक्षभूमि गया पर पितरों का होगा तर्पण
पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करते लोग। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। पितरों के मोक्षधाम गयाजी में पितृपक्ष दो दिन बाद शुरू होने जा रहा। धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप एक पखवारे के पितृपक्ष में पितर अपने पुत्रों से जल ग्रहण करने के लिए गयाजी आते हैं। पखवारेभर के पितृपक्ष को पिंडदान और जलांजलि के साथ संपन्न कराया जाता है। इसके लिए गयाजी की 54 पिंडवेदियां जीवंत हो चुकी हैं, जहां पुत्र जाकर अपने पितरों को नमन करेंगे। साल में एक बार होने वाले पितृपक्ष को श्रद्धा व समर्पण के साथ मनाने के लिए देश-विदेश से लोग गयाजी आते हैं।

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कोरोना संकट के समय पितृपक्ष का मेला नहीं लग रहा है। राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए मेले पर प्रतिबंध लगा रखा है। पिछले साल भी मेला नहीं लगा था, लेकिन इस बार गया के प्रमुख विष्णुपद मंदिर का पट खुला है। इस कारण लोग यह मानते हैं कि पुत्रजन अपने पितरों के लिए इस बार गयाजी अवश्य आएंगे। इस संभावना के मद्देनजर वैसे तो गयाजी में प्रशासनिक तौर पर कोई तैयारी नहीं हो रही है, पर पिंडदानी आएंगे तो उन्हें कोविड गाइडलाइन के तहत कर्मकांड कराने की सारी व्यवस्था सुलभ होगी।

गया के तीर्थ पुरोहित व विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश लाल गुप्त कहते हैं, सरकारी आदेश का अक्षरश: पालन किया जाएगा। कुछ पिंडदानी आने को तैयार हैं तो उन्हें कोरोना गाइडलाइन की जानकारी दी गई है। उसके तहत ही उनका कर्मकांड कराया जाएगा। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। समिति के अध्यक्ष शंभूलाल बिट्ठल कहते हैं, पूरे विष्णुपद क्षेत्र में कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन के लिए बैनर व पोस्टर लगाएंगे जाएंगे। पंडा व पुरोहित भी मास्क लगाकर रखेंगे। आने वाले पिंडदानी अतिथि हैं, इसलिए उनका स्वागत करना गयावासियों का कर्तव्य है। दो दिन पहले गया के प्रभारी मंत्री व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी स्पष्ट किया था कि सरकार मेला नहीं लगवाएगी, लेकिन अतिथियों का स्वागत 'अतिथि देवो भव:' की तर्ज पर होगा।

बनने लगे टूटे व गड्ढे वाले रास्ते, डीएम ने भी लिया जायजा

दो दिन पूर्व तक जिला प्रशासन में पितृपक्ष मेले को लेकर किसी तरह की संजीदगी नहीं थी, लेकिन जैसे ही समय नजदीक आया, प्रशासन की भी सक्रियता दिखने लगी है। मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों का कालीकरण कराया जा रहा है। टूटे और गड्ढे वाले रास्तों की मरम्मत कराने का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने स्वयं भी गुरुवार को ऐसे क्षेत्रों का भ्रमण किया है, जहां पिंडदानी कर्मकांड के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से कहा, पिंडदान स्थल पर कम से कम श्रद्धालु एक साथ आएं। जो कर्मकांड करते हैं, वह मास्क जरूर लगाएं। शारीरिक दूरी बनाकर ही कर्मकांड कराया जाए। गया आगमन पर स्वास्थ्य विभाग भी यात्रियों का कई स्थानों पर मेडिकल कैंप लगाकर चेकअप करेगा। यात्रियों को कोरोना वैक्सीन का प्रमाण पत्र रखना होगा। यात्रियों की आवासन व्यवस्था यानी होटल व धर्मशाला आदि को सैनिटाइज कराया जाए।


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