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बिहार शिक्षा विभाग भूला संस्‍कृति, गायब कर दिया संस्‍कृत, दीक्षा एप पर आपको अब नहीं मिलेगा ये विषय

बिहार की शिक्षा व्यवस्था के प्रारंभिक विषयों के पाठ्यक्रम से अनिवार्य विषय संस्कृत के विलुप्त होने से शिक्षा जगत की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। देश के विभिन्न राज्यों में अनिवार्य विषय व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित संस्कृत विषय शिक्षा विभाग के पोर्टल से गायब है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 05:30 PM (IST)
बिहार शिक्षा विभाग भूला संस्‍कृति, गायब कर दिया संस्‍कृत, दीक्षा एप पर आपको अब नहीं मिलेगा ये विषय
दीक्षा एप से बिहार शिक्षा विभाग ने गायब कर दिया संस्‍कृत विषय। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। बिहार की शिक्षा व्यवस्था के प्रारंभिक विषयों के पाठ्यक्रम से अनिवार्य विषय संस्कृत के विलुप्त होने से शिक्षा जगत की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। देश के विभिन्न राज्यों में अनिवार्य विषय व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित संस्कृत विषय राज्य शिक्षा विभाग के पोर्टल से गायब है। इससे शिक्षा जगत में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विद्वानों में आक्रोश देखा जा रहा है।

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राज्य की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था में शुमार संस्कृत विषय को दीक्षा एप के पोर्टल से गायब होने से छात्रों में असंतोष का भाव बना हुआ है। स्मार्ट क्लास के दौरान पढ़ाया जाने वाला इस पाठ्यक्रम को लाइव स्क्रिनिंग पर नहीं आने से इस विषय के छात्र संस्कृत से उत्पत्ति संस्कृति की जानकारी नहीं ले पा रहे। जिस कारण उनके पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

अपनी राष्ट्रभाषा के साथ अनिवार्य भाषा का ज्ञान अर्जित नहीं करने का मलाल उनमें दिख रहा है। इस पाठ्यक्रम से इस महत्वपूर्ण विषय जो बोल चाल व भाषा की पवित्रता की चरणामृत कही जाती है। उसकी अनदेखी होना संस्कृति के साथ कुठाराघात होगा। इतने गंभीर मामले के बाद भी आखिरकार शिक्षा विभाग से लेकर राज्य सरकार अबतक खामोश क्यों है। जबकि इसे वर्ष 2018-19 में स्मार्ट क्लास में डिवाइस के साथ विद्यालयों को उपलब्ध कराए गए थे। यह पोर्टल भारत सरकार द्वारा दीक्षा एप के तहत समग्र शिक्षा के लिए बनाया गया है।

दीक्षा एप का अनुवाद, फारसी, अरबी, बंगाली, अंग्रेजी, उर्दू व हिन्दी विषयों में है। लेकिन अनिवार्य विषय संस्कृत ही विलुप्त है। जबकि वर्ग नौवीं व दसवीं के छात्रों की पढ़ाई के लिए इस विषय को दीक्षा एप पर होना चाहिए। ताकि बोर्ड की परीक्षा से पहले इस अनिवार्य विषय का ज्ञान छात्रों को हो सके। नहीं तो बिहार में गणित विषय के बाद सबसे अधिक फेल होने वाले छात्र संस्कृत में ही होते हैं। अगर सरकार के द्वारा अभी भी इस अनिवार्य विषय को दीक्षा एप के पोर्टल से जोड़ा नहीं जा सका तो लाखों छात्र बोर्ड परीक्षा में इस विषय फेल होंगे।

वर्ष 2018 में यह पोर्टल बिहार में बना। जिसके माध्यम से राज्य भर में शिक्षकों को निष्ठा प्रशिक्षण दिया गया। ताकि वे स्मार्ट क्लास के संचालन को सुचारू रुप से क्रियान्वित कर सकेंगे। जबकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लोगों पर संस्कृत विषय ही अंकित है। मजे की बात तो यह है कि अन्य पड़ोसी राज्यों के दीक्षा एप के पोर्टल पर संस्कृत विषय अपलोड है। लेकिन बिहार के स्मार्ट क्लास के डिवाइस से संस्कृत विषय विलुप्त है।

क्या कहतें हैं अधिकारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी सूर्यनारायण ने इस विषय पर टालमटोल जवाब दिया। कहा मैं अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। आप डीपीओ से बात कर लीजिए। हम इस दीक्षा एप के पोर्टल को अभी देखे ही नहीं। जबकि 2018 से यह एप लोड है। वहीं समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ अक्षय पांडेय ने बताया कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस विषय पर होमवर्क किया जा रहा है। सरकार के स्तर का मामला है। बैठक में वरीय पदाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया जाएगा।


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