Bihar CoronaVirus Update: कोरोना से कराह रहा गया का केसापी गांव; मर रहे लोग, झांकने तक नहीं आया स्वास्थ्य विभाग
Bihar CoronaVirus Update बिहार के गया स्थित केसापी गांव में कोरोनावायरस का संक्रमण लोगों की जान ले रहा है। 20 दिनों में छह लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी दर्जनों ग्रामीण बीमार हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग गांव में झांकने तक नहीं आया है।
गया, जागरण संवाददाता। Bihar CoronaVirus Update गया के डोभी प्रखंड के केसापी गांव (Kesapi Village of Gaya) का नाम लेते ही लोग भयभीत हो जाते हैं। इस गांव के लोगों ने कोरोनावायरस संक्रमण से एक के बाद एक अपने लोगों को मरते (Corona Deaths) देखा है। यहां आज भी दर्जनों की संख्या में लोग खांसी-सर्दी और बुखार से पीडि़त हैं। उनमें कई कोरोना संक्रमित हैं। इस कारण गांव में सन्नाटा पसरा है। कोरोना संक्रमित लोग खुद अस्पताल जाकर जांच कराना उचित नहीं समझ रहे हैं। वे अपने घरों में रहकर खुद ही अपना इलाज करा रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा इस गांव के लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नही करायी गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने तो गांव को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
20 दिनों में छह लोगों की कोरोना से मौत
ग्रामीणों की मानें तो बीते 20 दिनों के दौरान गांव के छह लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है। एक मृतक के परिजन विनोद कुमार ने बताया कि यहां का स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे है। प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित इस गांव में स्वास्थ्य विभाग के कोई अधिकारी या कर्मी झांकने तक नहीं आए। इसके कारण एक के बाद एक कर लोग मरते गए। गांव को सैनिटाइज करना जरूरी था, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
लाचार और पंगु दिख रही स्वास्थ्य व्यवस्था
एक मृतक के स्वजन दिनेश ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था लाचार और पंगु है। केसापी गांव में लोग कोरोना से मर रहे हैं, परंतु कोई अधिकारी ताकने तक नही आया है। गांव में अभी भी सभी लोगों की जांच नहीं की गई है। पूरे गांव के लोगों का जांच होना जरूरी है। अभी भी कई लोग कोरोना की चपेट में हैं, जिनका इलाज घरों में ही हो रहा है।
गांव में कैम्प लगाकर इलाज की जरूरत
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि कई घरों के लोग बुखार से पीडि़त हैं, परंतु स्वास्थ्य विभाग देखने को तैयार नही है। गांव में कैम्प लगाकर इलाज करने की जरूरत है। यही कारण है कि आसपास के ग्रामीण अब केसापी गांव का नाम लेने पर भी भयभीत हो जाते हैं। गांव के लोग भी अन्य लोगों से दूरी बनाए हुए हैं।