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भभुआ नप के पूर्व चेयरमैन का बड़ा बयान, विजिलेंस करें जांच तो कई लोगों की संलिप्तता होगी उजागर

भभुआ नगर परिषद के तत्कालीन ईओ के यहां निगरानी की छापेमारी से कर्मियों में हड़कंप मचा है। पूर्व चेयरमैन ने 16 अगस्त को सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में की थी शिकायत मामले में निलंबित हुए तत्कालीन ईओ अनुभूति श्रीवास्‍तव।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 11:54 AM (IST)
भभुआ नप के पूर्व चेयरमैन का बड़ा बयान, विजिलेंस करें जांच तो कई लोगों की संलिप्तता होगी उजागर
पूर्व चेयरमैन बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह ने नगर परिषद भभुआ में हुए घोटाला की शिकायत की, सांकेतिक तस्‍वीर

भभुआ, जागरण संवाददाता। बीते माह 16 अगस्त को पटना में आयोजित सीएम के जनता दरबार में भभुआ नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह ने नगर परिषद भभुआ में हुए घोटाला की शिकायत की। जिसमें उन्होंने तत्कालीन ईओ अनुभूति श्रीवास्तव पर 22 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाला का आरोप लगाया। जनता दरबार में मामला पहुंचते ही सीएम ने निगरानी को जांच का आदेश दिया। इस मामले में वर्तमान में हाजीपुर में पदस्थापित अनुभूति श्रीवास्तव को निलंबित किया गया। बीते बुधवार को पटना में स्थित उनके आवास पर निगरानी विभाग की हुई छापेमारी में कई कागजात मिले। निगरानी विभाग की छापेमारी के बाद नगर परिषद भभुआ के कर्मियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।

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23 बिंदुओं पर पूर्व चेयरमैन ने उठाया था मामला

बता दें कि जब पूर्व चेयरमैन ने नगर परिषद भभुआ में हुए घोटाला का मामला उठाया था तब उन्होंने 23 बिंदुओं पर जांच की मांग की थी। जिसमें तत्कालीन डीएम नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर टीम गठित कर जांच भी की गई और टीम ने जांच प्रतिवेदन भी सौंपा। लेकिन पूर्व चेयरमैन का कहना है कि सिर्फ दो-चार बिंदुओं पर ही जांच की गई।

जिसमें  नगर परिषद भभुआ में संविदा पर पदस्थापित जेई राहुल ङ्क्षसह से सभी कार्य कराया जाना, सहायक अभियंता राजेश ङ्क्षसह का मूल पदस्थापन जल संसाधन विभाग से बिना किसी प्रतिनियुक्ति आदेश के नगर परिषद भभुआ में कर तकनीकी कार्यों का निर्वहन कराया जाना, जिसकी शिकायत सोन उच्च स्तरीय प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से भी पूर्व में की थी। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यदि आवेदन देने पर ही संज्ञान लिया गया होता तो यह घोटाला हुआ ही नहीं होता। जिस जिस क्षेत्र में अनुभूति श्रीवास्तव का पदस्थापन होता है उस क्षेत्र में जेई राहुल ङ्क्षसह भी पदस्थापित हो जाते हैं, भभुआ से पूर्व दोनों विहियां में पदस्थापित थे। इसके अलावा योजनाओं का कार्य कराए बिना राशि निकालने, कहीं भी योजनाओं का बोर्ड नहीं लगाने आदि कुल 23 ङ्क्षबदु शामिल हैं।

जिला कोषागार से निकाली गई है करोड़ों की राशि-

पूर्व चेयरमैन ने बताया कि नगर परिषद भभुआ में हुए घोटाला के दौरान जिला कोषागार से विभिन्न योजनाओं के नाम पर अवैध ढंग से करोड़ों की राशि निकाली गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले को भी तत्कालीन डीएम के यहां आवेदन देकर अवगत कराया। तत्कालीन ईओ, जेई राहुल ङ्क्षसह, सहायत अभियंता राजेश ङ्क्षसह, बड़ा बाबू सुकुमार बनर्जी द्वारा जिला कोषागार की मिली भगत से विभिन्न योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में रितुराज कुमार, प्रेम प्रकाश ङ्क्षसह व वीएन एंड कंपनी के नाम पर सादे कागज पर अभिश्रव बना कर करोड़ों रुपये निकाले गए हैं। लेकिन सादे कागज पर सामग्री का वाउचर भी नहीं था। पूर्व चेयरमैन ने नप भभुआ में हुए घोटाला में जिला कोषागार की बराबर की हिस्सेदारी मानी है।

क्या कहते हैं पूर्व चेयरमैन -

पूर्व चेयरमैन बजरंग बहादुर ङ्क्षसह उर्फ मलाई ङ्क्षसह ने कहा कि जनता दरबार में यदि नहीं गया होता तो न मुझे न्याय मिलता और न ही भभुआ नगर की जनता के सामने उनके लिए आई सरकारी राशि का किसने और कैसे दुरुपयोग किया इसका पता चल पाता। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि सीएम की पहल पर इतने बड़े घोटाला की जांच शुरू हुई। इसके पूर्व मैं कार्यालयों का चक्कर लगाते-लगाते थक गया। उन्होंने बताया कि लगभग सौ योजनाओं में घोटाला किया गया है। इन योजनाओं का बिना कार्य कराए या आधा अधूरा कर लगभग 22 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया है। यह घोटाला तत्कालीन ईओ अनुभूति श्रीवास्तव व उस समय के चेयरमैन रहे और वर्तमान चेयरमैन के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने कहा कि मैंने एक मुद्दा यह भी उठाया था कि जेई राहुल ङ्क्षसह की नियुक्ति फर्जी तरीके से हुई है, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने निगरानी विभाग से धरातल पर योजनाओं की जांच करने की मांग की है। ताकि योजनाओं की हकीकत का पता चल सके और घोटाला में शामिल कर्मियों की पहचान हो। ताकि उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सके। आमलोगों के लिए सरकार राशि देती है। उस राशि का दुरुपयोग करने का हक किसी को नहीं है।


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