बिना निबंधन कराए कोचिंग चलाने वालों पर भभुआ प्रशासन सख्त, कार्रवाई करने की तैयारी में अधिकारी
सात कोचिंग संस्थानों के निबंधन की पदाधिकारियों द्वारा की गई अनुशंसा जिले में एक भी कोचिंग संस्थान का नहीं है निबंधन अभियान के अंतर्गत कोचिंग संस्थानों की जांच कर कोचिंग अधिनियम का अनुपालन हर हाल में कराया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले से कोचिंग का संचालन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, भभुआ। जिले में बगैर निबंधन के चलने वाले कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। अभियान के अंतर्गत कोचिंग संस्थानों की जांच कर कोचिंग अधिनियम का अनुपालन हर हाल में कराया जाएगा। डीएम ने बिना निबंधन के चलने वाले कोचिंग संस्थानों पर जांच कराए जाने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के दोनों अनुमंडल क्षेत्रों के अंतर्गत पूर्व में 16 कोचिंग संस्थानों के संचालकों द्वारा कोचिंग निबंधन के लिए आवेदन दिए गए थे। जिसमें दोनों अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा सात कोचिंग संस्थानों के निबंधन किए जाने की अनुशंसा की गई है। जिसमें भभुआ अनुमंडल के अंतर्गत पांच व मोहनिया अनुमंडल के अंतर्गत दो कोचिंग संस्थान शामिल हैं। अन्य कोचिंग संस्थानों द्वारा बिहार कोचिंग अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण उनकी अनुशंसा नहीं की गई। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार कोचिंग अधिनियम में कोचिंग संचालन के लिए कुछ शर्तों का प्रावधान किया गया है। उन शर्तों को पूरा करने के उपरांत ही कोचिंग निबंधन की प्रक्रिया को अनुमति दी जाएगी। लेकिन बिना किसी डर भय के जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में धड़ल्ले से कोचिंग का संचालन किया जा रहा है।
भभुआ नगर में स्थित चकबंदी रोड की पहचान इन दिनों कोचिंग हब के रूप में हो रही है। इस रोड पर कई दर्जन कोचिंग संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। यहां सुबह से शाम तक सैकड़ों की संख्या में कोचिंग पढऩे जाने के लिए छात्र छात्राओं की भारी भीड़ दिखाई पड़ती है। इस मार्ग पर छात्र-छात्राओं की भीड़ के चलते वाहनों को निकलना और लोगों को आने-जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुन: 12 कोचिंग संचालकों द्वारा निबंधन के लिए आवेदन किया गया है। जिनकी जांच संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की जानी है। मिली जानकारी के अनुसार संचालकों को कोचिंग संचालन के दौरान एक स्क्वायर फीट प्रति छात्र छात्रा के स्थान का निर्धारण किया गया है।
छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था, प्रकाश की व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, पार्किंग, प्रवेश व निकास द्वार की व्यवस्था हर हाल में होनी चाहिए। लेकिन देखने में आ रहा है कि किसी भी कोचिंग संस्थान में अधिनियम में वर्णित शर्तों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। कोचिंग संचालक मनमाने ढंग से संस्थान का संचालन कर मोटी फीस वसूल कर रहे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर डीएम नवदीप शुक्ला ने कहा कि कोचिंग संस्थानों की जांच कराई जाएगी। बिना निबंधन के कोचिंग संस्थानों का संचालन पाए जाने पर संबंधित संचालकों के विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।