गया की सड़कों पर आवारा पशुओं से रहिए सावधान, नगर निगम भी नहीं दिला सका इनसे निजात
गया शहर की सड़कों पर आवारा मंडराते पशुओं के कारण राहगीरों को काफी परेशानी होती है। इनके कारण पिंडदानी भी परेशान रहते हैं। ऐसे पशुओं को पकड़ने की योजना नगर निगम ने बनाई लेकिन वह भी प्रभावी नहीं दिख रही।
जागरण संवाददाता, गया। राज्य में कई नए नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत बने हैं। अब वहां शहरीकरण की रफ्तार तेज होगी। स्वच्छ और सुंदर शहर बनेगा। लेकिन राज्य के पुराने नगर निगम की हालत ही ठीक नहीं है। बात करें गया नगर निगम की तो कई स्तर पर इसकी कार्यशैली लचर है। उदाहरण लें शहर में विचरते आवारा मवेशियों का। शहर की मुख्य सड़क हो गया मोहल्ले की गलियां आवारा और बेसहारा पशु मंडराते दिखते हैं। एक तो इन बेजुबानों की जिंदगी पर इस कारण से खतरा होता है तो दूसरी ओर आम जन भी परेशान होते हैं। यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। दुर्घटनाएं होती हैं। लेकिन नगर निगम बेपरवाह है।
ऐसा नहीं है कि योजना नहीं बनी। इन पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम ने हमेशा की तरह योजना ही बनाई। कुल 21 लाख की लागत से एनिमल कैचर गाड़ी खरीद ली। लेकिन उस गाड़ी का इस्तेमाल केवल पितृपक्ष मेले के दौरान होता है। बाकी दिनों में यह शोभा की वस्तु बना रहता है। इधर कुछ दिनों से वाहन को बोधगया भेज दिया गया है।
पिंडदानियों को करते परेशान
आवारा पशुओं का सबसे अधिक जमावड़ा विष्णुपद क्षेत्र के देवघाट में लगा रहा है। इसके कारण पिंडदानियों को कर्मकांड करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। देवघाट और फल्गु नदी में आवारा पशु पूरे दिन मंडराते रहते हैं। प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में पिंडदानी कर्मकांड को लेकर देवघाट में आते है। जबकि अवारा पशु कर्मकांड करने में हमेशा खलल डालते हैं। कभी पूजन सामग्री तो कभी फल आदि खा जाते हैं। इसके अलावा केदार नाथ मार्केट, जीबी रोड़, टावर चौक, अंबेडकर पार्क आदि स्थानों पर पशुओं का जमावड़ा रहता है।
शहर में दुर्घटना के लोग हो रहे शिकार
शहर की सड़कों पर बेसहारा पशुओं की घुमने से आए दिन वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे है। सबसे अधिक परेशानी दोपहिया वाहन चालक को हो रहा है। क्योंकि आपस पशु भीड़कर अचानक वाहन से टकरा जाता है। जिसके कारण बाइक से लोग सड़क पर गिर जख्मी हो जाते है।
सब्जी मंडी में बेसहारा पशुओं का आतंक
शहर के प्रमुख सब्जी मंडी केदारनाथ मार्केट, पुरानी गोदाम, नई गोदाम, डेल्हा आदि सब्जी मंडी में पूरे दिन खुले रूप से पशु घूमते रहता है। सब्जी की खरीदारी के क्रम में ग्राहकों पर टूट पड़ता है। जिसके कारण लोगों की परेशानी हो रही है। सब्जी विक्रेता अजय प्रसाद, मो. मुईन आदि का कहना है कि पशुओं से पूरी तरह तंग आ गए है। सुबह में दुकान खुलते ही अवारा पशु घूमने लगता है। जो दुकान रखे सब्जियां पर बार-बार झपटा मारते रहता है। इसके लिए दुकान पर हमेशा एक व्यक्ति पशुओं की हटाने के लिए बैठना रहता है।
गठित टीम के सदस्य बरत रहे शिथिलता
शहर में विचरण कर रहे अवारा पशुओं के पकडऩे के लिए नगर निगम द्वारा एक टीम का गठन किया गया था। जिसमें आठ लोग सदस्य है। जो अवारा पशुओं को पकड़कर मानपुर स्थित गौरक्षणी में रखने का निर्देश दिया गया था। लेकिन पितृपक्ष तक यह कार्य टीम के सदस्यों द्वारा किया गया। उसके बाद कार्य पूरी तरह से बंद हो गया।