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सावधान! गया के इस सरकारी बिल्डिंग में पांव रखते ही कांप उठेगा शरीर, जरा सी हलचल से निकल जाती चीख

गया जिले के टिकारी में एक ऐसा सरकारी भवन है जहां पांव रखते ही लोगों का शरीर कांप उठता है। जरा सी हलचल भी दिल की धड़कन तेज कर देती है। लोग भगवान को याद करने लगते हैं वजह खुद जान लीजिए।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 01:38 PM (IST)
सावधान! गया के इस सरकारी बिल्डिंग में पांव रखते ही कांप उठेगा शरीर, जरा सी हलचल से निकल जाती चीख
42 माह से जैक पर खड़ा है टिकारी प्रखंड सह अंचल कार्यालय। जागरण।

संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। प्रखंड सह अंचल कार्यालय टिकारी के भवन का छत पिछले 42 माह से जैक पर भगवान भरोसे खड़ा है। यूं कहें कि कार्यालय का यह भवन जर्जर हालत में डायलेसिस पर जिंदा रखने का अंतिम प्रयास किया गया है। कार्यालय के पूरे छत का भार जैक पर है, ताकि छत को गिरने से रोका जा सके और संभावित खतरे से बचाव हो सके। आलम यह है कि जिला मुख्यालय से कोई अधिकारी जांच के लिए आते हैं तो यहां बैठना पसंद नहीं करते। खुद की जान का डर उन्हें तो है लेकिन, यहां नियमित कार्य करने वाले प्रखंड एवं अंचलकर्मियों की चिंता नहीं सताती।

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मालूम हो कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री के लाव आगमन पर चल रही तैयारी का जायजा लेने तत्कालीन जिला पदाधिकारी कुमार रवि टिकारी प्रखंड कार्यालय पहुँचे थे। तब उस समय के बीडीओ उदय कुमार ने कार्यालय भवन की जर्जर हालत से अवगत कराते हुए कर्मचारियों के सुरक्षा हेतु नया भवन निर्माण कराने का आग्रह किया था। डीएम ने भवन की हालत देख चिंता प्रकट करते हुए संभावित हादसे को टालने के लिए उन्होंने तुरंत भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को जांच कर कारवाई करने का आदेश दिया था।

इसके बाद उक्त विभाग के कार्यपालक अभियंता ने भवन के जांच के क्रम में कभी भी जमींदोज होने की सभावना प्रकट करते हुए इसे अविलंब खाली करने का सुझाव दिया था। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था नही होने तक भवन के सम्पूर्ण छत में जक लगाने का निर्देश दिया था। तब से अब तक कार्यालय के पूरे भवन के छत में जक लगा है। मुख्यमंत्री का लाव दौरा सम्पन्न हुए 42 माह बीत गए लेकिन अभी तक नया प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान नही की गई है।

वह भी तब जब तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक अभय कुशवाहा ने इसे गंभीरता से लेते हुए उस समय सदन में इस मुद्दे को लेकर सवाल उठा चुके है। वर्तमान विधायक डॉ अनिल कुमार ने भी नया और भव्य कार्यालय भवन निर्माण का प्रस्ताव सरकार और विभाग को भेज चुके हैं।अब देखना यह है कि नए भवन निर्माण की स्वीकृति सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।  प्रखण्ड कार्यालय के एक कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भवन की जर्जर हालत से हमेशा अनहोनी होने का डर बना रहता है।

मौत के साये में या यों कहे कि जान हथेली पर रखकर सभी प्रखंड और अंचल कर्मी कार्य करने को विवश है। भवन निर्माण विभाग द्वारा कोई आवश्यक कारवाई भी अब तक नहीं की गई है। बीडीओ वेद प्रकाश ने बताया कि नए भवन निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। विकल्प के तौर पर सभागार के ऊपर कार्यालय कक्ष का निर्माण किया गया है। शीघ्र ही कार्यालय को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा।


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