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गया में छह नदी के 92 घाटों से बालू पर प्रतिबंध पर, खाकी के इशारे पर रात के अंधेरों में सरपट भागते बालू लदे वाहन

बालू का अवैध खनन जिले में छह महीने से जारी है। जिसे देखने वाला नहीं तो शासन है और ना ही प्रशासन है। बालू की खेल में माफिया से लेकर पुलिस तक मालमाल हो रहे है। लेकिन सरकार को प्रत्येक दिन करीब 20 लाख रुपये का चूना लग रहा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 10:22 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 01:15 PM (IST)
गया में छह नदी के 92 घाटों से बालू पर प्रतिबंध पर, खाकी के इशारे पर रात के अंधेरों में सरपट भागते बालू लदे वाहन
गया में पुलिस के देखरेख में बालू का हो रहा अवैध खनन, सांकेतिक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। बालू का अवैध खनन जिले में छह महीने से जारी है। जिसे देखने वाला नहीं तो शासन है और ना ही प्रशासन है। बालू की खेल में माफिया से लेकर पुलिस तक मालमाल हो रहे है। लेकिन सरकार को प्रत्येक दिन करीब 20 लाख रुपये का चूना लग रहा है। जिले में बालू की बंदोबस्ती 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गयी थी। उसके बाद सरकार द्वारा बालू का बंदोबस्ती नहीं किया गया है। लेकिन बालू का अवैध खनन में जबरदस्त तरीके से हो रहा है। छह महीने से बालू बंद रहने के बाद ही लोगों घर मकान बनाने के लिए माफियाओं द्वारा बालू आसानी से मिल रहा है। दिन-रात नदी घाट से अवैध तरीके से बालू का उठाव जारी है। जिले में सात नदियों का बंदोबस्ती था। जिसमें फल्गु, मोरहर, लीलाजन, महाने बुढ़ी, धाधर एवं पैमार नदी है।  उक्त नदियों में 92 घाटों से बालू उठाव होता था। बंदोबस्ती समाप्त होने के बाद उक्त घाटो के अलावा अन्य घाटो  पर माफियाओं को राज हो गया है। जहां माफियाओं ने बालू का उठाव धड़ल्ले से कर रहे है।  

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पुलिस की रजामंदी से हो रहा बालू का अवैध उठाव

बालू का अवैध खनन सबसे अधिक फल्गु नदी में हो रहा है। जिसमें कंडी नवादा, भूसंडा, कन्दुई एवं शादीपुर घाट से बालू का अवैध खनन जारी है। उक्त घाटों से पूरी रात बालू का ढुलाई ट्रैक्टर से होता है। शहर में गश्ती कर पुलिस के आंखे के सामाने से ट्रैक्टर गुजर जाता है। और पुलिस देखते ही रहा जाती है।  जिसके कारण बालू माफियाओं को मनोबल बढ़ रहा है। रात के साथ-साथ अब दिन भी फल्गु नदी में अवैध खनन जारी है। नदी में ट्रैक्टर के साथ-साथ गदहा और खच्चर से भी बालू की ढुलाई हो रही है। वहीं जिले में कई नदियों में भी अवैध खनन पुलिस की गाढ़ी कमाई हो रही है।

बंदोबस्ती नहीं होने से राजस्व का नुकसान

बालू का बंदोबस्ती नहीं होने से सरकार का एक बड़ा राजस्व का चूना लग रहा है। प्रत्येक वर्ष बालू से सरकार को 65 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है। जो छह महीने से बंद है। सबसे बड़ी बात है कि नदी से बालू भी जा रहा है और राजस्व भी। वहीं दूसरी ओर माफिया मालामाल हो रहे है। जबकि खनन विभाग द्वारा छह महीने में 135 प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। उसके बाद भी बालू का अवैध खेल जारी है।

जिले में बालू का अवैध खनन रोकने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। खनन विभाग की टीम द्वारा बालू से लदा हुआ वाहनों को जप्त किया जा रहा है। अवैध खनन के विरुद्व कार्रवाई जारी रहेगा।

विकास कुमार पासवान, खनन विकास पदाधिकारी


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