Awareness: पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित और आसान, मिथकों को अवरोधक ना बनाएं, सही तथ्य जानें
पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया बिना चीरा एवं टांके के मात्र आधे घंटे से कम समय में ही हो जाती है। उसके बाद लाभार्थी आराम से घर जा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, भभुआ। संतुलित परिवार और बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए पति-पत्नी दोनों की सहभागिता आवश्यक है। हालांकि जिले की महिलाएं जहां गर्भनिरोधक साधनों को अपना कर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। वहीं अभी भी पुरुषवर्ग नसबंदी जैसे आसान साधनों को अपनाने में हिचक रहे हैं। हालांकि इसमें सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा समय- समय पर मिशन परिवार विकास अभियान, परिवार नियोजन पखवाड़ा और दंपती संपर्क पखवाड़ा जैसे कई कार्यक्रम भी लगातार चलाए जा रहे हैं। लेकिन जागरूकता और जानकारी के अभाव में अभी भी जिले में पुरुष नसबंदी की स्थिति काफी निराशाजनक बनी है।
पुरुष नसबंदी है बिल्कुल आसान और सुरक्षित
जिला अपर मुख्य चिकित्सक डॉ. मीना कुमारी बताती हैं कि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की तुलना में काफी आसान और सुरक्षित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया बिना चीरा एवं टांके के मात्र आधे घंटे से कम समय में ही हो जाती है। उसके बाद लाभार्थी आराम से घर जा सकते हैं। विभाग की तरफ से जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर पुरुष नसबंदी की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। चूंकि एक महिला पर घर और बच्चों की जिम्मेदारी भी होती है। इसलिए नसबंदी कराने के बाद आवश्यक शारीरिक आराम उसे मिल पाने की संभावनाएं कम होती हैं। इसलिए पुरुषों की ये नैतिक जिम्मेदारी भी है कि वह आगे बढ़ कर नसबंदी को अपनाएं।
सही जानकारी से भ्रांतियों को करें दूर
पुरुष नसबंदी के क्षेत्र में पुरुषों की उदासीनता की सबसे बड़ी वजह समुदाय में इसके बारे में प्रचलित कई भ्रांतियां हैं। जिसे दूर करने के लिए नसबंदी से संबंधित सही तथ्यों को समझना आवश्यक है। इसके विषय में संपूर्ण जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साइट््स पर उपलब्ध हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रमों के दौरान भी इससे संबंधित जानकारी दी जाती है।
लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि
जिला में पुरुष नसबंदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी प्रयास कर रहा ही है। यहां तक की महिलाओं की तुलना में पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी ज्यादा रखा गया है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाता है। जबकि महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपये दिया जाता है।