औरंगाबाद: भाजपा आइटी सेल प्रमुख के घर मद्य निषेध कानून के तहत छापेमारी, अपने पद से दिया इस्तीफा
भाजपा आइटी सेल प्रमुख वाणिज्य प्रकोष्ठ श्रीमन नारायण शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अपने घर हुई चार बार की छापेमारी का जिक्र किया है। त्यागपत्र उन्होंने औरंगाबाद के संयोजक मनोज परमार को भेजा है। उन्होंने चार बार छापेमारी का ज़िक्र किया है।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मद्य निषेध कानून के तहत किसी व्यक्ति विशेष के घर यदि चार बार छापेमारी हो और हासिल कुछ न हो तो इसे क्या समझा जाएगा। प्रथम दृष्टया यह कानून का दुरुपयोग लगता है। भाजपा आइटी सेल प्रमुख वाणिज्य प्रकोष्ठ श्रीमन नारायण शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अपने घर हुई चार बार की छापेमारी का जिक्र किया है। त्यागपत्र उन्होंने औरंगाबाद के संयोजक मनोज परमार को भेजा है। बताया कि 19 जनवरी को उनके घर छापेमारी की गई। कहा कि वे पार्टी में रहकर बिहार सरकार की गलत नीतियों की आलोचना सोशल मीडिया में करते रहते हैं।
डीजीपी ने सरकार द्वारा घोषित नियम का दिया हवाला
अपनी ही पार्टी के कुछ पदाधिकारी एवं अन्य लोग पुलिस को गलत रिपोर्ट कर के मद्य निषेध कानून के तहत उनके घर छापेमारी करवाते हैं।पटना की टीम स्थानीय थाना के अधिकारियों को लेकर बुधन बिगहा स्थित उनके किराए के मकान में पहुंचे। पत्नी एवं बच्चों से पूछताछ की और घर की तलाशी ली। छापेमारी टीम को कुछ नहीं मिला। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि छापेमारी के वक्त ही डीजीपी को फोन कर बिहार सरकार के सहयोगी पार्टी के कार्यकर्ता होने की बात कही। इस पर उन्होंने सरकार द्वारा घोषित नियम का हवाला देते हुए कहा कि जितनी बार आपके बारे में लोग सूचना देंगे उतनी बार छापेमारी होगी।
छवि का होता है नुकसान, मानसिक रूप से प्रताड़ना का शिकार
श्रीमन नारायण शर्मा ने कहा कि यह सरासर कानून का दुरुपयोग है। बार-बार मेरे यहां ही छापेमारी क्यों होती है। जबकि उन्हें हर बार कुछ भी नहीं मिलता। खाली हाथ जाना पड़ता है। क्या केवल सूचना देने भर से मेरे यहां बार- बार छापेमारी होना कहीं से भी उचित है। इससे हमारे छवि का भी नुकसान होता है सा ही मानसिक रूप से प्रताड़ित भी होता हूं।