Aurangabad News: सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने आते अभिभावक, एडमिशन यहां; पढ़ते वहां
ज स्थिति यह है कि यहां करीब 1500 बच्चे नामांकित होने के बावजूद उपस्थिति शून्य है। इक्का-दुक्का अगर कोई आता भी है तो वह अभिभावक आमतौर पर होते हैं और काम सिर्फ सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्य की कागजी प्रक्रिया पूरा करना होता है।
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में स्थित सरदार पटेल इंटर स्कूल कभी चर्चित हुआ करता था। यहां के नामांकित बच्चे बेहतर परिणाम लाने के लिए दूसरे विद्यालय से प्रतियोगिता करते थे। आज स्थिति यह है कि यहां करीब 1500 बच्चे नामांकित होने के बावजूद उपस्थिति शून्य है। इक्का-दुक्का अगर कोई आता भी है तो वह अभिभावक आमतौर पर होते हैं और काम सिर्फ सरकारी योजनाओं से संबंधित कार्य की कागजी प्रक्रिया पूरा करना होता है। यह बात स्वयं यहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय कुमार बताते हैं। बताया कि रजिस्ट्रेशन और फार्म भरने के वक्त भी बच्चे नहीं आते हैं। यह स्थिति हो गई है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है।
13 में चार कमरे जर्जर
जनवरी 2019 से यहां लिपिक नहीं है, जबकि एक जनवरी 2016 से प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। वर्ष 1980 में इस विद्यालय की स्थापना हुई थी और पटेल हाई स्कूल 2015 में पटेल इंटर स्कूल बन गया। यहां संस्कृत, उर्दू और विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। 13 कमरे है, इनमें चार जर्जर है। वहीं, इनमें दो खपरैल कमरा शामिल है। स्मार्ट क्लास की सुविधा है। चापाकल दो सही है तो दो खराब है। दो शौचालय सही है तो दो शौचालय खराब है। इंटर स्कूल का भवन अभी तक नहीं बनाया गया है। विद्यालय के लिए एक एकड़ आठ डिसमिल जमीन है। हालांकि इसकी कुछ जमीनों को अतिक्रमण कर लिए जाने की बात भी सामने आती है।
प्रधानाध्यापक सहित 15 शिक्षक
पटेल इंटर स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक समेत कुल 15 शिक्षक हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय कुमार ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालय में पांच शिक्षक हैं। जबकि माध्यमिक विद्यालय में मात्र 10 शिक्षक हैं। बताया कि नौवीं कक्षा में 521 एवं दसवीं कक्षा में 521 नामांकन है। 11वीं विज्ञान में 120 और कला में 86 जबकि 12वीं विज्ञान में 120 और कला में 60 बच्चे नामांकित हैं।