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गंदगी के बीच फेंके गए अशोक स्‍तंभ के मामले ने पकड़ा तूल, पूर्व विधायक ने कहा-यह अत्‍यंत निंदनीय

पहले अशोक स्तंभ लगाया फिर दो दिन बाद उसे रात में हटाया। हद तो यह कि उस अशोक स्‍तंभ को कचरे के बीच फेंक दिया गया। इसका फोटो वीडियो वायरल होने पर नगर परिषद की किरकिरी हुई। तब रात में ही उसे हटा दिया गया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 04:32 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 04:32 PM (IST)
गंदगी के बीच फेंके गए अशोक स्‍तंभ के मामले ने पकड़ा तूल, पूर्व विधायक ने कहा-यह अत्‍यंत निंदनीय
बिक्रमगंज में कुछ दिन पूर्व तक लगा अशोक स्‍तंभ। जागरण आर्काइव

संवाद सहयोगी , बिक्रमगंज (रोहतास)। शहर के तेंदुनी चौक के सौंदर्यीकरण के नाम पर राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न लगाने और फिर उसे हटाने की घटना नगर परिषद के गले की हड्डी बन गई है। 25 जनवरी को प्रती‍क चिह्न स्थापित किया गया। 27 जनवरी को उसे कुछ देर के लिए ढंक कर उसी रात हटा दिया गया। इतना तक तो ठीक था लेकिन जब वही अशोक स्‍तंभ गंदगी के बीच फेंका दिखा तो मामले ने तूल पकड़ लिया है। लोग इसे राष्‍ट्र का अपमान बता रहे हैं।

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अशोक स्‍तंभ हटाने के बाद पहले तो कार्यपालक पदाधिकारी ने इसकी वजह अपरिहार्य कारण और तकनीकी गड़बड़ी बताई।  कुछ लोगों ने इसे पुनः स्थापित करने की मांग की। मौर्य शक्ति ने तो इसके लिए धरना भी दिया। लेकिन मंगलवार की शाम को काव नदी पुल के पूरब दिशा में गंदगी के बीच वही अशोक स्‍तंभ पड़ा दिखा। इसका वीडियो वायरल हो गया। हालांकि फोटो, वीडियो वायरल होने के बाद रात में ही उसे हटा दिया गया है। अब लोगों के मन में एक ही सवाल बार बार कौंध रहा है कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न जो देश की आन बान शान है उसके साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों।

( चारदीवारी के पीछे ऐसे रखा था स्‍तंभ।)

मामूली बात पर कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध स्वयं सूचक बनकर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने वाले सामान्य प्रशासन के अधिकारी को क्यों सांप सूंघ गया है। अब तक क्यों चुप हैं। चारदीवारी में जब अशोक स्तंभ को रखा गया तो क्यों उसके सम्मान की चिंता नहीं की गई। क्यों रात में उसे हटाया गया । अब कार्यपालक पदाधिकारी को स्वयं अपनी बात से पलटने की क्या विवशता है। बुधवार को कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि संवेदक को सिर्फ सौंदर्यीकरण का आदेश दिया गया था। उसे अशोक स्तंभ के लिए नहीं बोला गया था। जबकि पूर्व में उन्‍होंने कहा था कि नगर परिषद के प्रस्ताव पर अशोक स्तंभ लगाया गया। उन्होंने कहा कि संवेदक के मनमानी के लिए उससे स्पष्टीकरण की मांग की गई है , पुनः स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। जबाब नहीं मिलने पर कार्रवाई होगी। इधर इस संबंध में पूर्व विधायक राजेश्‍वर राज ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी हो उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।


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