यूटृयूब से पढ़ाई कर दारोगा बनीं अंशुमाला, जानिए औरंगाबाद के छोटे से जगह की लड़की की यह हौंसले वाली कहानी
बिहार के औरंगाबाद जिला के दाउदनगर प्रखंड की कुचा गली की निवासी अंशुमाला ने घर में ही रहकर बिना कोचिंग के दारोगा बन कर एक मिसाल पेश किया है। घर की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं थी कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी औरंगाबाद या राजधानी में रहकर करती।
दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी। दाउदनगर कुचा गली की निवासी अंशुमाला ने बिना कोचिंग के दारोगा बन कर एक मिसाल पेश किया है। घर की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं थी कि वह स्कूल या कोचिंग या जिला मुख्यालय या राजधानी में रहकर तैयारी करती। ऐसे में उसने यूट्यूब पर अकादमिक चैनलों से गाइडलाइन प्राप्त करने का, स्वाध्याय का, और जरूरत पडऩे पर यूट्यूब शिक्षक से अपने डाउट क्लियर करने का रास्ता चुना। इस तरह उसने बीएसएससी (बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन) की परीक्षा निकालने में सफल रही। अब एक साल या इससे अधिक समय का प्रशिक्षण प्राप्त करेगी। इसके बाद सब इंस्पेक्टर के रूप में पुलिस महकमे में तैनाती होगी। अंशुमाला ने बताया कि बीएसएससी की मेरिट लिस्ट में वह आ गई है।
कर रही थी बैंक की तैयारी बन गई दारोगा
उसने बताया कि वह बैंक की तैयारी कर रही थी, लेकिन स्कूल की पढ़ाई ऐसी नहीं थी कि उनकी अंग्रेजी अच्छी हो। नतीजा कई बार दो या तीन अंक से पिछड़ जाती थी। बैंकिेंग परीक्षा में असफलता से वह हिम्मत नहीं हारीं। इस बीच उसने बीएसएससी की परीक्षा भी दिया और पीटी में उत्तीर्ण हुईं। उसे लगा कि जब वह पीटी निकाल सकती है तो मेहनत करने के बाद मेंस भी निकाल सकती है और इसकी तैयारी में वह लग गई।
लॉकडाउन को बनाया अवसर
अंशुमाला ने बताया कि इस बीच लॉकडाउन लगने के कारण नौ माह का समय उसे जमकर तैयारी के लिए मिल गया। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा का का प्रचलन बढ़ा। उसने भी कई यूट्यूब शिक्षकों के बारे में सुना। इसके बाद उसने यूट्यूब के अकादमिक चैनलों से दिशा निर्देश प्राप्त करना शुरू किया। स्वाध्याय किया और जरूरत पडऩे पर कभी-कभी किसी किसी शिक्षक से पूछ कर अपने डाउट क्लियर करते रही। लेकिन मुख्यत: उसका फोकस यूट्यूब के अकादमिक चैनलों पर ही रहा। इसके बाद जब परीक्ष हुई तो परिणाम सपने के सच होने जैसा रहा।