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रजौली में फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, नाबालिग से दुष्‍कर्म के बाद दिल्‍ली भाग गया आरोपित

रजाैली थाना क्षेत्र के एक बार फिर से मानवता शर्मसार हुई है। 15 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। आरोपित भी उसके ही उम्र का है। दुष्‍कर्म के दौरान पीडि़ता की बुरी तरह पिटाई किए जाने की बात भी सामने आई है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 04:09 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 04:09 PM (IST)
रजौली में फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना, नाबालिग से दुष्‍कर्म के बाद दिल्‍ली भाग गया आरोपित
रजौली में नाबालिग से दुष्‍कर्म कर आरोपित फरार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, रजौली (नवादा)। रजाैली थाना क्षेत्र के एक बार फिर से मानवता शर्मसार हुई है। 15 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। आरोपित भी उसके ही उम्र का है। दुष्‍कर्म के दौरान पीडि़ता की बुरी तरह पिटाई किए जाने की बात भी सामने आई है। घटना रविवार की है।

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मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब पीड़िता मारपीट व दुष्‍कर्म का शिकार होने के बाद इलाज के लिए मंगलवार को अनुमंडलीय अस्पताल रजौली पहुंची। वहां पर चिकित्सक डॉ. श्याम नंदन प्रसाद ने उसका प्राथमिक उपचार किया। प्राथमिक उपचार के दौरान पीड़िता ने चिकित्सक को बताया कि उसके साथ दुष्कर्म की घटना घटी है। हालांकि चिकित्सक द्वारा पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई है। वहीं दुष्कर्म की घटना के बाद आरोपी कुलदीप राजवंशी का 15 वर्षीय बेटा करण राजवंशी के नई दिल्ली फरार हो जाने की जानकारी मिली है।

पीड़िता के पिता ने बताया कि अक्सर आरोपी के द्वारा अभद्र व्यवहार कर मारपीट की जाती है। घटना के दिन भी वह उसकी बेटी को अपने घर पर ले जाकर मारपीट किया था। हालांकि वह लोक-लाज के भय से चुप रहे। लेकिन बेटी को असहनीय पीड़ा होने के बाद किसी तरह से छुपाकर अस्पताल पहुंचे हैं। थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी ने बताया कि दुष्कर्म के मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है और ना ही इस मामले में पीड़ित पक्ष के द्वारा थाने को कोई आवेदन ही दिए गए हैं।

बहरहाल, पुलिस ने मामले में खुद संज्ञान लिया है। मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी तरफ आरोपित की तलाश तेज कर दी गई है। तकनीकी जांच का भी सहारा लिया जा रहा है। संभव है कि पुलिस आरोपित के स्‍वजनों को थाने में बुलाकर पूछताछ करे। सामाजिक संस्‍था के लोगों से अपील की जा सकती है कि पीडि़ता के स्‍वजनों को केस करने के लिए समझाया जाए।


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