देश अमेरिका चाहिए, नेता घोटाले वाले..
गया । जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सभापति सुरे
गया । जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सभापति सुरेन्द्र सिंह सुरेन्द्र ने की। सुधीर कुमार सिंह ने कहा- कैसे-कैसे शौक हमारी जनता ने पाले, देश अमेरिका चाहिए, नेता घोटाले वाले..। अरुण हरलीवाल ने व्यंग्य वाण छोड़े- गाल सबके चिकना करना हमारा पेशा, हम उस्तरे हैं, बाबू! कातिल छुरे नहीं हैं..। मुंद्रिका सिंह की पंक्तियां थीं-जिला साहित्य सम्मेलन के निराला हे अप्पन ठाट। कहल सुनल के बात कहा इहां हाजिर काव्य संध्या 260..। डॉ. रामकृष्ण के गीत कुछ यूं थे-आज तो गाव में न झाझ न मानर है, जो भी दिखता है वही पीर भरा गागर है..। रामावतार सिंह ने कविता पढ़ी-जब जीवन हो जाता बोझिल कविता का स्वर अपनाता हूं..। यदुनन्दन प्रसाद ने बुलाहट कविता पढ़ी भारत मा बुला रही है, युवा वृंद आगे आओ..। अभयनन्द मिश्र, जयराम सत्यार्थी, प्रज्ञानंद, संजू प्रसाद, अंजलि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।