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स्मार्ट सीटी की रेस में जिले के सभी शहर काफी पीछे, तीन निकायों मे हिसुआ आगे, वारिसलीगंज फिसड्डी

स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत स्मार्ट सीटी के लिए जो ताजा रैंकिंग जारी की गई है उसमें तीनों शहर राष्ट्रीय स्तर पर काफी पीछे है। सर्वेक्षण का यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत है। जिले के किसी भी शहरी क्षेत्र की स्थिति किसी भी मायने में माकूल नहीं है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:49 PM (IST)
स्मार्ट सीटी की रेस में जिले के सभी शहर काफी पीछे, तीन निकायों मे हिसुआ आगे, वारिसलीगंज फिसड्डी
स्मार्ट सीटी की रेस में जिले के सभी शहर काफी पीछे

 जासं, नवादा : स्मार्ट सीटी के रेस में जिले के सभी शहर काफी पीछे है। जिले में तीन नगर क्षेत्र हैं। नवादा, हिसुआ और वारिसलीगंज। स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत स्मार्ट सीटी के लिए जो ताजा रैंकिंग जारी की गई है उसमें तीनों शहर राष्ट्रीय स्तर पर काफी पीछे है। सर्वेक्षण का यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत है। जिले के किसी भी शहरी क्षेत्र की स्थिति किसी भी मायने में माकूल नहीं है। देश के 4320 शहरों में जिला मुख्यालय नवादा के नगर परिषद को 3278, हिसुआ नगर पंचायत को 3178 और वारिसलीगंज नगर पंचायत को 3789 रैंक मिला है। सर्वेक्षण रिपोर्ट ही बता रहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर जिले के शहरी क्षेत्रों का हश्र क्या है। यहां के शहरी किस प्रकार की जिंदगी जी रहे हैं और उन्हें शहरी कहलाने में कैसा महसूस होता है।

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ईस्ट जोन में नवादा शहर को 41 वां रैंक स्वच्छता सर्वेक्षण में नवादा शहर को ईस्ट जोन में 41 वां रैंक मिला है। 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहर में नगर परिषद नवादा का स्थान 41 वां रहा है। इसी प्रकार 25 हजार से 50 हजार आबादी वाले शहरों के रैंक में वारिसलीगंज को 108 वां और हिसुआ को 79वां रैंक मिला है। स्वच्छता सर्वेक्षण के इस ताजा रिपोर्ट में जिले के तीन शहरों में हिसुआ नगर को पहला, नवादा को दूसरा और वारिसलीगंज को तीसरा स्थान मिला है।

तीन स्तरों से दिए जाते हैं अंक

स्वच्छता सर्वेक्षण में तीन अलग-अलग स्तरों पर शहरी क्षेत्रों को अंक दिए जाते हैं। पहला एसएलपी जिसका कुल स्कोर 2400, दूसरा सीटीजन वाइस का स्कोर 1800 और तीसरा सर्टिफिकेशन का स्कोर 1600 निर्धारित है। प्रति वर्ष तीनों बिंदुओं पर सर्वेक्षण किया जाता है। फिडबैक व जमीनी पड़ताल के आधार पर अंक दिए जाते हैं। इसी आधार पर रैंक निर्धारित होता है।

एसएलपी सुविधाओं को मानक माना जाता है

एसएलपी यानि सर्विस लेवल प्रोग्रेस के तहत नगरवासियों को दी जा रही सुविधाओं को मानक माना जाता है। मसलन शहरियों को क्या-क्या सुविधाएं किस क्षेत्र में मिल रही हैं अंक हासिल करने का आधार बनता है। इसी प्रकार दूसरा मापदंड सीटीजन वाइस यानि शहरवासियों की प्रतिक्रिया का होता है। तीसरा सर्टिफिकेशन का होता है जो क्वालिटि कंट्रोल आफ इंडिया देता है। जिसमें जिले के तीनों शहर फिसड्डी है। 

रैंकिंग में किस शहर का कितना स्कोर शहर  एसएलपी  सीटीजन  सर्टिफिकेशन 

नवादा---------591.06------772.16-----000

वारिसलीगंज--348.31----740.000---000 हिसुआ-----632.24---787.13-------000

नोट- यह आंकड़े जिले के तीनों शहरों का विस्तारीकरण के पूर्व का है। कुछ माह पूर्व जिले के तीनों शहरों का विस्तारीकरण किया गया है। हिसुआ व वारिसलीगंज नगर विस्तारीकरण के बाद अपग्रेड होकर नगर परिषद हो चुका है। वहीं नवादा शहर की आबादी एक लाख से ऊपर की हो गई है।


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