25 जनवरी तक बारिश और ओला गिरने का अलर्ट, रुक-रुक कर हो रही वर्षा से नवादा के किसानों की बढ़ी चिंता
नवादा में चक्रवातीय परिसंचरण और पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल रहा है। शनिवार की रात से शुरू हुई बारिश रविवार को होती रही। मौसम विभाग की माने तो 25 जनवरी तक बारिश और ओला गिरने की आशंका है।
संवाद सहयोगी, नवादा। जिले में चक्रवातीय परिसंचरण और पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार की रात से बारिश शुरू हुई, जो रविवार को दिन भर जारी रही। रुक-रुककर बारिश होती रही। हालांकि दोपहर में कुछ देर के लिए सूर्यदेव बादलों की ओट से बाहर निकले। लेकिन कुछ घंटों में ही पुन: बादलों ने पूरे आसमान को ढंक दिया। पिछले 24 घंटे में जिले में औसतन 15 मिलीमीटर वर्षापात दर्ज की गई। कृषि विज्ञान केंद्र सेखोदेवरा के मौसम विज्ञानी रौशन कुमार ने बताया कि 25 जनवरी तक जिले में बारिश के आसार हैं। इस दौरान ओलावृष्टि भी हो सकती है।
शहरी इलाकों के साथ ही प्रखंड क्षेत्रों में भी बारिश हुई। दिन में तेज हवाएं भी चली। इधर, जिले में हो रही बारिश के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान इस बारिश से काफी निराश दिख रहे हैं। दलहन-तिलहन के साथ ही आलू की फसलों को बड़े पैमाने पर क्षति होने की बात कही जा रही है। जिससे किसानों की कमर टूट गई है।
रोह में सबसे अधिक 26.8 तो काशीचक में 6.4 मिमी बारिश
जिले के रोह प्रखंड में सबसे अधिक वर्षापात दर्ज की गई। कृषि विज्ञान केंद्र सेखोदेवरा से मिली जानकारी के अनुसार रोह में सर्वाधिक 26.8 मिमी बारिश हुई। वहीं कौआकोल में 20.2, नवादा सदर में 18.2 मिमी बारिश हुई। वहीं काशीचक प्रखंड में सबसे कम 6.4 मिमी वर्षापात दर्ज की गई। अगले दो दिनों तक जिले में बारिश होने की आशंका है।
मौसम के मिजाज ने किसानों का बढ़ाया दर्द
कृषि के जानकारों ने माघ महीने की बारिश से रबी फसलों को नुकसान पहुंचने का आशंका जताई है। उनका कहना है कि अभी खेतों में गेहूं के छोटे-छोटे पौधे तैयार हुए हैं। अभी इनके वानस्पतिक विकास का समय है। अधिक बारिश से खेतों में जलजमाव होगा और पौधों को नुकसान होगा। पौधों के गल जाने की पूरी संभावना है। बारिश के चलते वातावरण में नमी के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग होने की संभावना बढ़ गई है। जिससे आलू की खेती करने वाले किसानों को नुकसान होना तय है। इससे उपज प्रभावित होगी। तिलहन फसलों की बात करें तो सरसों और तीसी की फसल भी इस बारिश से प्रभावित होगी। वहीं दलहन में चना, मसूर की खेती को बहुत अत्यधिक नुकसान हो सकता है।
बारिश के बाद शहर की सड़कों पर किचड़
बारिश के बाद शहर की सड़कें कीचड़मय हो गई हैं। जिससे राहगीरों का पैदल चलना दूभर हो गया है। रविवार होने और मौसम के बिगड़े मिजाज के बाद सड़कों पर आम दिनों की तुलना में काफी कम भीड़ दिखी। सुबह में देर तक लोग रजाई में दुबके रहे। इधर, नीचले व गड्ढेनुमा स्थानों पर बारिश का पानी जमा हो गया। हरिश्चंद्र स्टेडियम में बारिश का पानी भर गया है। जिससे गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों पर असर पड़ा है। गौरतलब है कि हरिश्चंद्र स्टेडियम में जिले का मुख्य राजकीय समारोह आयोजित किया जाता है।
- प्रखंडवार वर्षापात का आंकड़ा
प्रखंड - वर्षापात (मिमी में)
अकबरपुर - 12
गोविंदपुर - 12.6
हिसुआ - 16.2
काशीचक - 6.4
कौआकोल - 20.2
मेसकौर - 14
नारदीगंज -15.4
नरहट - 13
नवादा - 18.2
पकरीबरावां - 10.2
रजौली - 12.7
रोह - 26.8
सिरदला - 12.2
वारिसलीगंज - 14.2