नौ माह बाद आज से काम करने लगा गया के शेरघाटी में रेलवे आरक्षण कांउटर, यात्रियों को मिली राहत
शेरघाटी अनुमंडल मुख्यालय के प्रखंड कार्यालय परिसर में संचालित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर 9 महीने बाद शनिवार से प्रारंभ हो गया है। रेलवे काउंटर पर टिकट कराने पहुंचे शेरघाटी नई बाजार के विश्वनाथ यादव ने बताया कि मैं अपने बेटे को दिल्ली भेजने के लिए रिजर्वेशन टिकट लेने आए हैं।
गया, जेएनएन। शेरघाटी अनुमंडल मुख्यालय के प्रखंड कार्यालय परिसर में संचालित रेलवे रिजर्वेशन काउंटर 9 महीने बाद शनिवार से प्रारंभ हो गया है। रेलवे काउंटर पर टिकट कराने पहुंचे शेरघाटी नई बाजार के विश्वनाथ यादव ने बताया कि मैं अपने बेटे को दिल्ली भेजने के लिए रिजर्वेशन टिकट लेने आए हैं। काफी लंबे समय के बाद शेरघाटी का रिजर्वेशन काउंटर खुला है। इसी प्रकार श्रीरामपुर के विनोद प्रसाद ने बताया कि हमें गुजरात के बड़ोदरा जाना है। जिसके लिए रिजर्वेशन हेतु मैं आया हूं।
दोपहर 12 बजे तक कटे तीन टिकट
इधर टिकट बुकिंग सुपरवाइजर अख्तर हुसैन कहा कि आज 7:30 बजे सुबह से रिजर्वेशन काउंटर खोला गया है। 12:00 बजे तक तीन टिकट बनाया गया है। जिसमें दो दिल्ली एवं एक जयपुर का है। काउंटर खुलने से क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी है। उललेखनीय हो कि कोराना के प्रारंभ होने के बाद मार्च माह से शेरघाटी का रेलवे रिजर्वेशन काउंटर बंद था। जिससे क्षेत्र के आम रेल यात्रियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। लगभग 10 लाख की आबादी वाला शेरघाटी अनुमंडल के 9 प्रखंड के रेल यात्रा करने वाले यात्री शेरघाटी स्थित रिजर्वेशन काउंटर से टिकट की बुकिंग कराया करते थे। लेकिन मार्च 2020 से रेलवेे रिजर्वेश काउंटर बंद कर दिए जाने के कारण रेल यात्रियों को आर्थिक और मानसिक क्षति हो रही थी।
काउंटर खुलने से समय की बचत
रेल टिकट पर आए दिन यात्रा करने वाले गोला बाजार के अनुज कुमार गुप्ता कहते हैं कि जब से शेरघाटी में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर का शुभारंभ हुआ था। उस समय से अनुमंडल के लाखों लोग रेलयात्री इससे लाभान्वित हो रहे थे। पिछड़ा और नक्सल प्रभावित शेरघाटी अनुमंडल के डुमरिया से लेकर मोहनपुर तक के लोगों को उक्त रिजर्वेशन काउंटर से टिकट की बुकिंग कराने में काफी सुविधा होती थी। समय और आर्थिक नुकसान दोनों का बचाव होता था। परंतु रिजर्वेशन काउंटर को कोरोना का बहाना लगाकर बंद कर दिया गया था। इसी प्रकार रिजर्वेशन कराने और टेलिफोन बूथ के संचालक दिनेश सिंह नई बाजार के निवासी कहते हैं कि इस क्षेत्र के बहुत सारे कामगार दिल्ली, मुंबई, पुणे, लुधियाना, कोलकाता, अमृतसर, राजस्थान आदि अन्यत्र स्थानों पर काम के लिए आवागमन करते रहते हैं। खासकर दिल्ली पंजाब, लुधियाना की ओर जाने वाले मजदूर रेलयात्री की संख्या काफी लंबी होती है। शेरघाटी से टिकट कराने में इन्हें जहां 1 दिन का समय का बचत होता था वही कम से कम 2से 300 रुपए तक की बचत भी होती थी। रेलवे काउंटर खोले जाने से क्षेत्र के रेल यात्रियों में काफी खुशी है।
लालू प्रसाद के कार्यालय में बनाया गया था काउंटर
इधर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार उर्फ टुनटुन सिंह कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव के रेलवे मंत्री के कार्यकाल में शेरघाटी में रेलवे काउंटर का शुभारंभ दिसंबर 2008 में हुआ था। इसके अलावा शेर घाटी से होकर दो रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव पारित था। परंतु सरकार बदलते हैं सारे रेलवे परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि शेरघाटी अनुमंडल मुख्यालय सुबे बिहार का संभवत सबसे बड़ा अनुमंडल है। यहां रेलवे लाइन की मांग लंबे समय से होती रही है। हम केंद्र एवं राज्य के एनडीए सरकार से शेरघाटी से होकर गुजरने वाली प्रस्तावित रेल लाइन बिछाने की मांग करते हैं रेलवे रिजर्वेशन काउंटर को पुनः चालू किए जाने की आवश्यकता है।
दो रेल परियाेजनाओं का भी हुआ था शिलान्यास
उल्लेखनीय है कि 7 दिसंबर 2008 को माननीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव दो रेलवे लाइन परियोजना का शिलान्यास रंगलाल इंटर स्कूल खेल परिसर में शिलापट्ट लगाकर किया था। गया से शेरघाटी होते हुए झारखण्ड के चतरा तक 416 करोड रुपए की लागत से 97 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाई जा रही थी। इसी प्रकार दूसरी गया से शेरघाटी रफीगंज होते हुए डाल्टेनगंज तक 445 करोड रुपए की लागत से 137 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई जानी थी। परंतु यूपीए सरकार समाप्त होते हैं परियोजनाओं को भी एनडीए सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। और दोनों परियोजनाएं फिलवक्त सरकार के फाइलों में सिमट कर रह गई है। बावजूद इसके रेलवे रिजर्वेशन काउंटर खुलने से लोगों में एक बार फिर खुशी की लहर दौड़ गई है।